THE NEWS WARRIOR
24 /08 /2022
नईं पैंशन योजना के अंतर्गत जो पैंशन दी जा रही है वह मेरी निर्धनता से घिनौना मजाक
घुमारवीं:-
घुमारवीं उपमण्डल की मोरसिंघी पंचायत के मसधान गांव के बीरवल पुत्र टईया राम ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि उच्चतर शिक्षा विभाग में 15 वर्षों का सेवाकाल पूरा करने के बाद मुझे पुरानी पेंशन योजना के तहत लाया जाए ताकि मैं बुढापे में अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर सकूं । नईं पैंशन योजना के अंतर्गत मुझे जो पैंशन दी जा रही है वह मेरी निर्धनता से घिनौना मजाक है ।
मात्र 900 रुपये मासिक वेतन
अपना दास्तां द न्यूज वारियर से साझा करते हुए बीरवल ने बताया कि उसने 17 जनवरी 2003 को गवर्नमेंट हाई स्कूल बौहट स्कूल में बाटर कैरियर के पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी । उस समय मात्र 900 रुपये मासिक वेतन मिलता था । यह नियुक्ति अंशकालीन कर्मचारी के रुप में हुई थी । 2003 से 2005 तक वह अंशकालीन कर्मचारी था । इसके बावजूद कुछ समय के बजाए पूरी ड्यूटी देता था । 2005 में उसे दैनिक भोगी कर्मचारी बनाया गया । उस समय उसे मात्र 2 हज़ार 473 रुपए वेतन मिलता था । 2010 में उसकी सेवाओं को नियमित किया गया ।
मात्र 716 रुपए मासिक पैंशन
2010 से लेकर 2018 तक वहः सरकार का नियमित कर्मचारी था । इस दौरान कोठी हाई स्कूल में भी अपनी सेवाएं दी । फिर वहां से पदोन्नत प्रयोगशाला सहायक के पद पर राजकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय कल्लरी घुमारवीं में कार्यरत था अप्रैल 2018 में सेवा निवृत्त हुआ था । सेवानिवृति पर जमा राशि का 60 प्रतिशत भाग उन्हें दे दिया जबकि 40 प्रतिशत भाग को पैंशन के रूप में देने को कहा है । अब उन्हें मात्र 716 रुपए मासिक पैंशन मिल रही है । जबकि सामाजिक सुरक्षा पैशन इससे अधिक है । उन्होंने अंशकालीन कर्मचारी के रूप में 17 जनवरी 2003 को नियुक्ति हुई थी जबकि नईं पैंशन योजना 15 मई 2003 को लागू हुई थी । इस लिए वह पुरानी पैंशन योजना के तहत लाभ दिए जाने की मांग कर रहे है । उन्होंने बताया कि वह अनुसूचित जाति परिवार से सम्बंधित है तथा 40 प्रतिशत से अधिक अपंग है ।
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