दो दीवाने – इरफ़ान खान और महेंद्र मेवाती

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विपिन कुमार

विपिन कुमार

दो दीवाने – इरफ़ान खान और महेंद्र मेवाती

THE NEWS WARRIOR

15 जनवरी 2022

अगर बिना किसी लाग लपेट के कला का अर्थ समझा जाए तो कला वह है जो आपके व्यक्तित्व का विकास करती है, जो आपको एक बेहतर इंसान बनाती है,संवेदनशील बनाती है,भीतर तक पवित्रता से भर देती है | इन्हीं सब गुणों से संपन्न होकर निर्माण होता है एक कलाकार का जो अपनी कला के रास्ते से लोगों के दिल तक उतर जाता है और कभी कभी उन लोगों की ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा भी बन जाता है, क्योंकि बहुत सारे लोग उससे प्रेरित होते हैं, आत्मविश्वास से भर जाते हैं | उन्हें यह लगने लगता है कि वह कलाकार भी उन्हीं के बीच का एक अपना है ,जब वह सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच सकता है तो हम भी पहुंच सकते हैं, हम भी जीवन में कुछ बेहतर कर सकते हैं |

कलाकार संसार के,समाज के बहुत बड़े हिस्सों के निर्माण की, बौद्धिक विकास की,मानसिक विकास की रूपरेखा तैयार करता है | कलाकार होना अपने आप में एक जिम्मेदारी है | अपने प्रति, अपने ज़मीर के प्रति,अपने लोगों के प्रति,देश के प्रति, मानवता और संसार के प्रति | ऐसे ही दो कलाकारों का ज़िक्र रंगमंच की दुनिया और फ़िल्म की दुनिया में बार-बार आता रहेगा जब तक यह दोनों माध्यम जीवित रहेंगे! इरफ़ान और महेंद्र मेवाती दो ऐसे धुरंधर जिन्होंने अलग-अलग माध्यम में अभिनय करते हुए लोगों को अपना बना लिया!

जिन्होंने सामान्य चेहरे वाले लोगों को यह विश्वास दिलाया कि अगर मेहनत करें तो कोई भी अभिनय की दुनिया में चमकता हुआ सितारा बन सकता है सिर्फ़ चेहरे का सुंदर होना या शरीर से बॉडी बिल्डर होना ही अभिनय की पहचान नहीं है, अभिनय की पहचान आपके अपनी रूह में,आपकी अपनी समझ में,आपकी द्वारा की हुई पढ़ाई में,आपकी बौद्धिकता में से विकसित हो सकती है!अभिनय करने के लिए किसी गॉडफ़ादर की ज़रूरत हो ये ज़रूरी नहीं !अगर आप में साहस है और आप मेहनत के रेगिस्तान को पार करने की हिम्मत रखते हैं तो एक दिन रेगिस्तान से गुज़र कर आपको ज़रूर नदी का वो किनारा नसीब होगा जहां पर आप की सफलता की प्यास बुझेगी और फिर आपको दुनिया कि मोहब्बत हासिल करने से, उसमें मकबूल होने से,कोई नहीं रोक सकता |

इरफ़ान खान और महेंद्र मेवाती

इरफ़ान ने जहां लोगों को अपनी फिल्मों के माध्यम से अभिनय की एक गरिमामई परिभाषा गढ़ने की राह दिखाई वही महेंद्र मेवाती रंगमंच में आने वाले नए युवकों के लिए आस्था का,मनोबल ऊंचा करने का और मंच पर अभिनय को संवेदनशीलता की ऊंचाइयों से परे ले जाने का केंद्र रहे | हिंदी रंगमंच में महेंद्र मेवाती एक ऐसे अभिनेता थे जिनके नाटकों के टिकट हाथों हाथ बिक जाया करते और अगर एक -दो किस्सों को छोड़ दें तो उन्होंने कभी भी अपने दर्शकों को अपने अभिनय से निराश नहीं होने दिया चाहे औरंगज़ेब हो,कथा एक कंस की हो,ताजमहल का टेंडर में शाहजहां बने हो ,ओथेलो हो आदि, बल्कि नाटक दर नाटक उनसे दर्शकों की अपेक्षा और बढ़ जाती थी! राजेंद्रन जी के निर्देशन में औरंगज़ेब में किया गया उनका काम हिंदी वर्ग के दर्शकों के बीच में खासकर के नौजवानों के बीच में उन्हें रंगमंच के स्टार का दर्जा देता है | यह सच है कि उन नाटकों में और भी अभिनेता होते थे लेकिन सब दर्शक महेंद्र मेवाती को देखने के लिए ही आए होते थे | महेंद्र मेवाती एक बेहद संवेदनशील अभिनेता और इंसान थे |

इतने ज़्यादा संवेदनशील कि जब आप उनसे नाटक के बाहर मिलते थे तो उनके चेहरे से बात करते हुए भी उनके अंदर के सच्चे भावार्थ प्रकट हो रहे होते थे! अपनी कुछ मानसिक और निजी परेशानियों के कारण उन जैसा कमाल का अभिनेता समय से बहुत पहले बिखर गया | कई बार उनका अड़ियल रवैया भी उनके काम का दुश्मन बना जिस कारण उन्हें लोगों का प्यार तो खूब मिला लेकिन रंगमंच की दुनिया की तरफ से, सरकार की तरफ से उनके काम को किसी बड़े पुरस्कार से नवाजा नहीं गया | किंतु महेंद्र मेवाती रंगमंच का वह नाम थे जिन्हें किसी पुरस्कार से नहीं तौला जा सकता वह खुद रंगमंच के लिए एक पुरस्कार थे |

उनके जैसा अभिनय कर पाना बहुत सारे अभिनेताओं की दिली कामना होती है, उन जैसी संवेदनशीलता को अपने किरदारों में ला पाना अभिनय की पराकाष्ठा होती है| महेंद्र मेवाती रंगमंच की दुनिया का एक बेहतरीन सितारा थे और हमेशा रहेंगे! उसी तरह इरफान फिल्मों की दुनिया के चमकते सितारे थे इरफ़ान ने एक आम तबके से आने वाले नव युवकों को यह हौसला दिया कि वो भी आम होने के साथ-साथ मेहनत करते हुए खास हो सकते हैं इरफ़ान जितनी सहजता से अभिनय करते थे ऐसा लगता था कि किरदार के भीतर की नब्ज़ को वह पकड़ लेते हैं और अपनी अभिनय की संवेदनशीलता से उसे आत्मसात करते हुए एक अलग जादुई संसार में ले जाते हैं! हासिल,मकबूल,पान सिंह तोमर,मदारी,लंच बॉक्स,द नेमसेक,जुरासिक पार्क,रोग, हैदर रूह आदि में उनके अभिनय के जादू को देखा और महसूस किया जा सकता है! इरफ़ान हम जैसे आम कलाकारों के परिवार के सदस्य की तरह थे |

इरफ़ान वह अभिनेता थे जिसने हम जैसे अभिनेताओं को यह एहसास दिलाया कि हमारा वजूद भी है! हम जैसे अभिनेता भी माया नगरी में अपने अभिनय से जगह बना सकते हैं! इरफ़ान का जाना हम जैसे अभिनेताओं के लिए एक निजी सदमा है! पर इरफ़ान अपने छोटे से जीवन के इस कालखंड में अभिनय से समृद्ध वह दौलत छोड़ गए हैं जिसे देख देख कर हम जैसे कलाकार और आने वाली पीढ़ी प्रेरित होती रहेगी और गौरवान्वित महसूस करेगी कि भारत वर्ष में एक ऐसा अभिनेता भी था जिसका लोहा विदेशी सिनेमा तक माना जाता था! नसीर,ओम पुरी ,अमरीश पुरी, और इरफ़ान यह अभिनेताओं के लिए एक प्राणशक्ति का काम करते रहेंगे! इरफ़ान और महेंद्र मेवाती अलग-अलग माध्यम में अपनी जगह पर बहुत बड़े अभिनेता के तौर पर किसी एक वर्ग समूह तक सीमित नहीं है इन दोनों का काम इन्हें एक बहुत विशाल दर्शक वर्ग का चहेता बनाता है!

इरफ़ान और महेंद्र मेवाती जैसे बड़े अभिनेताओं को,कलाकारों को मेरी तरफ से यह सच्ची श्रद्धांजलि है |

ये भी पढ़ें: जिम्मेवारी सिर्फ सरकार ही नहीं जनता भी समझे – प्रदीप शर्मा

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