इन पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना से माता-पिता खो चुके बच्चों के लिए की यह घोषणा
THE NEWS WARRIOR
बिलासपुर 17 MAY
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में भारत में इस वायरस की चपेट में आने की वजह से हर दिन हजारों लोगों की जान जा रही है. कई परिवारों में कोरोना की वजह से माता-पिता दोनों ने दुनिया को अलविदा कह दिया. कई परिवार ऐसे हैं जहां बच्चों को देखने वाला कोई नहीं है. ऐसे में कुछ राज्य सरकारों ने कदम उठाए हैं, जिससे बच्चों की मुश्किल को कम किया जा सके.
आइए आपको ऐसे पांच राज्यों की स्कीमों से आपको अवगत करवाते हैं जो इस संकट के वक्त इन अनाथों का सहारा बनी हैं
1.उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में प्रदेश की भाजपा सरकार ने ऐलान किया है कि जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी की महामारी में मौत हो गई है या अस्पताल में एडमिट हैं, उन बच्चों के भोजन से लेकर पढ़ाई तक का खर्च सरकार उठाएगी.
सरकार ने दिहाड़ी मज़दूरों और रेहड़ी पटरी वालों को भी मदद का ऐलान किया है. इन्हें एक हज़ार रुपये भत्ते के तौर पर दिए जाएंगे. साथ ही 3 महीने का मुफ्त राशन दिया जाएगा.
2.मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि इस महामारी के दौर में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, उन्हें सरकार 5 हज़ार रुपये मासिक पेंशन देगी. इन बच्चों की पढ़ाई का ज़िम्मा भी सरकार उठाएगी. साथ ही सरकार ने ऐलान किया है कि प्रदेश में जो भी मान्यता प्राप्त या ग़ैर-मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं, वे अगर कोविड इंफेक्टेड होते हैं या उनके घर में कोई इंफेक्टेड होता है, इलाज का ख़र्च सरकार उठाएगी.
दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि महामारी में अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई का ख़र्च सरकार उठाएगी. जिन परिवारों में कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है, उन्हें भी सरकार आर्थिक मदद देगी.
4.गुजरात
गुजरात सरकार ने भी ऐलान किया है कि जिन घरों में बच्चों ने कोविड-19 के चलते मां-बाप को खो दिया है, उन बच्चों को 4 हजार रुपये महीना दिए जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने घोषणा की है कि श्मशान घाटों पर काम करने वाले लोगों को कोविड वॉरियर्स का दर्जा मिलेगा और उन्हें इसके तहत मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी.
5.बिहार
बिहार के मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना काल में जिन बच्चों ने माता-पिता को खो दिया है, उन्हें किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत सुरक्षा व देखरेख दी जाए. ऐसे बच्चों को चाइल्ड केयर होम में रखा जाएगा, जहां खान-पान और पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी.