THE NEWS WARRIOR
24/05/2022
29 मई की रात 12 बजे से 30 मई की रात 12 बजे तक ड्राइवर यूनियन करेगी हड़ताल
प्रबंधन निदेशक ने यूनियन की सभी मांगें मानने से किया इंकार
शिमला:-
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम प्रबंधन से वार्ता विफल होने के बाद ड्राइवर यूनियन ने हड़ताल का एलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिमाचल प्रदेश में रैली से एक दिन पहले चार हजार सरकारी बसों के पहिए थम जाएंगे। प्रबंधन निदेशक ने आज ड्राइवर यूनियन को वार्ता के लिए बुलाया था। बैठक में यूनियन की सभी मांगें मानने से इंकार कर दिया हैं।
एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ने बताया कि प्रबंधन केवल जून महीने का नया वेतनमान देने की मांग मान रहा है। उनकी अन्य मांगों को प्रबंधन नजर अंदाज कर रहा है। इसे देखते हुए उन्होंने 29 मई की रात 12 बजे से 30 मई की रात 12 बजे तक एचआरटीसी की बस नहीं चलाने का फैसला लिया है।
एचआरटीसी कर्मचारियों की मांगें
एचआरटीसी ड्राइवर राज्य सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर छठे वेतनमान के लाभ की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार अपने लगभग सभी कर्मचारियों को जनवरी 2016 से छठे वेतनमान के लाभ दे चुकी है, लेकिन एचआरटीसी कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं दिया गया है।
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एचआरटीसी कर्मचारी 36 महीनों के लंबित पड़े ओवर टाइम के भुगतान, डीए का 2006 से लंबित एरियर के भुगतान और वरिष्ठ चालकों के पद सृजित करने की मांग कर रहे हैं। वरिष्ठ चालकों के पद सृजन की मांग को एचआरटीसी की बीओडी पहले ही मंजूरी दे चुकी है। इसे लेकर यूनियन पहले भी कई बार एचआरटीसी प्रबंधन को नोटिस दे चुका है।
इन मांगों को लेकर निगम प्रबंधन के साथ सहमति नहीं बन पाई है। ऐसे में एचआरटीसी ड्राइवरों ने 12 मई से चल रही गेट मीटिंग निरंतर चालू रखने का एलान किया। आपको बता दें कि ड्राइवर यूनियन प्रदेशभर में जगह-जगह गेट मीटिंग कर अपना रोष जाहिर कर रही है।
प्रबंधन को पहले भी दिया जा चुका हैं नोटिस
ड्राइवर यूनियन पहले ही परिवहन मंत्री, परिवहन सचिव, एमडी एचआरटीसी को नोटिस दे चुकी है। नोटिस में 24 घंटे की हड़ताल से सरकार और प्रबंधन को अवगत कराया जा चुका है। यूनियन का कहना है कि उनकी हड़ताल से होने वाले नुकसान के लिए अब सरकार और प्रबंधन ही जिम्मेदार होगा।
PM की रैली पर पड़ सकता है असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 मई को शिमला आ रहे हैं। भाजपा ने उनकी रैली में 50 हजार लोग इकट्ठे करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में यदि एचआरटीसी बसें नहीं चलती हैं तो इतनी भीड़ जुटना मुश्किल हो सकता है।
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