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20 /12 /2022
डिप्टी CM बोले- नए इनोवेशन करने की जरूरत, HRTC लगातार घाटे में जा रहा
हिमाचल सरकार जल्द ही लोगों के सफर को आसान करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें लेकर आएगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम की डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जाएगा। शुरू में 300 के करीब बसों को रिप्लेस करके उनकी जगह पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि अब HRTC में इनोवेशन की जरूरत हैं, क्योंकि HRTC लगातार घाटे में जा रहा है।
कैबिनेट में होगी डिस्कस , बनाई जाएगी पॉलिसी
डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए एक पॉलिसी बनाई जाएगी। CM से डिस्कस करने के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। चार्जिंग स्टेशन कहां-कहां बनने हैं, इस पर भी चर्चा होगी। भारी भरकम घाटे को कम करने के लिए हमारी सरकार इस दिशा में जल्द काम करेगी।
लगातार बढ़ रहा HRTC का घाटा
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) लगातार घाटे में जा रहा है। महिलाओं के लिए 50 फीसदी किराए में छूट, ग्रीन कार्ड, सम्मान कार्ड और भैयादूज पर फ्री सर्विस। इसी तरह की कई अन्य योजनाएं जिसमें HRTC फ्री सर्विस दे रहा है। इसका नतीजा यह है कि HRTC का घाटा अब लगभग 1500 करोड़ रुपए तक जा पहुंचा है। एक दिन में डीजल का खर्च लगभग 1.30 करोड़ हैं।
शिमला में शुरू हुई इलेक्ट्रिक बस
19 फरवरी 2018 काे शिमला शहर में इलेक्ट्रिक बसों का सफर शुरू हुआ था। अब जब बसों की कमाई का आंकलन किया ताे पता लगा की वॉल्वो की तरह यह बसें निगम की कमाई का जरिया बन रही हैं। एक बस की कीमत 76.7 लाख है। आंकड़ों काे देखें ताे डीजल की बसों की एक दिन की कमाई महज 1700 रुपए है।
यह बसें कमाई में भी आगे हैं
अगर एक बस 200 किलाेमीटर का सफर तय करती है ताे उसमें लगभग 3000 रुपए का डीजल लगता है, जबकि कमाई 5 हजार की हाेती है। सिर्फ 2 हजार रुपए की कमाई निगम की हाे पाती है, जबकि इलेक्ट्रिक बस की कमाई एक दिन की 4900 रुपए है। ऐसे में प्रदेश सरकार चाहती थी कि अगर और बसें प्रदेश काे मिलेंगी ताे इससे उन्हें जहां फायदा हाेगा, वहीं पर्यावरण काे भी इसका लाभ मिलेगा।
सैलरी समय पर भी नहीं मिलती
HRTC के करीब 12 हजार कर्मचारी और 6500 के करीब पेंशनर्स हैं। निगम को सरकार से भी वित्तीय मदद नहीं मिल रही है। राज्य सरकार पर खुद लगभग 65 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है।
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