चिकित्सकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रहने से स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई रही, अपितु मरीजों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। शिमला शहर के आईजीएमसी, डीडीयू, केएनएच अस्पतालों के अलावा जिला के ठियोग, रामपुर, चौपाल, नेरवा आदि में भी चिकित्सकों की हड़ताल का खामियाजा अपनी जांच करवाने आए लोगों और उपचार करवाने आए मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
शुक्रवार को हड़ताल का दूसरा दिन रहा। चिकित्सकों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक वह अपनी हड़ताल इसी तरह जारी रखेंगे। आईजीएमसी, डीडीयू व केएनएच सहित जिला के अन्य अस्पतालों में चिकित्सक पेन डाउन हड़ताल पर है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिलाभर के अस्पतालों में करीब दो घंटे तक डाक्टर हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने फ्रंटलाइन पर खड़े होकर अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा की है। उन्हें कोविड-19 अलाउंस तो दूर, चिकित्सकों की सैलरी भी काटी जा रही है, जो सरासर गलत है. चिकित्सकों के साथ ऐसा व्यवहार बेहद निराशाजनक है और यही कारण है कि मजबूरन अपने हक की लड़ाई के लिए चिकित्सकों को हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।