निजी फर्मों से स्कूलों के लिए सामान की खरीद पर हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने लगाई रोक, स्‍कूलों को जारी किए सख्‍त निर्देश

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THE NEWS WARRIOR
19/03/2022

निजी फर्मों से स्कूलों के लिए सामान की खरीद पर रोक

हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम के माध्यम से ही की जाए खरीदारी, निर्देश जारी

खरीद में पारदर्शिता और उच्च गुणवत्तायुक्त के तहत लिया गया निर्णय

 शिमला:-

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने निजी फर्मों के माध्यम से स्कूलों के लिए सामान की खरीद पर रोक लगा दी है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि खरीदारी इलेक्ट्रानिक विकास निगम के माध्यम से ही की जाए।

शिक्षा निदेशकों को सर्कुलर कर दिया है जारी

निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग डॉ. अमरजीत शर्मा की ओर से इस संबंध में सभी जिलों के उप शिक्षा निदेशकों को सर्कुलर जारी कर दिया है। स्कूल अपने फंड से लैपटॉप, कंप्यूटर, सीसीटीवी, डेस्कटॉप, बैटरी सहित कई अन्य तरह का सामान खरीदतें हैं। इसके अलावा वर्चुअल क्लासरूम के लिए भी कई तरह का सामान स्कूल समय-समय पर खरीदते हैं। स्कूल फंड से इसके लिए बजट खर्च किया जाता है। विभाग ने स्कूलों को अब निर्देश दिए हैं कि निजी फर्म के बजाय हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक विकास निगम के माध्यम से खरीदें।

निजी फर्म से खरीद पर होगी कार्यवाही

खरीद में पारदर्शिता और उच्च गुणवत्तायुक्त सामान की खरीद हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। खरीद के लिए पहले सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लें। कोरोना काल में भी विभाग ने इस तरह का सर्कुलर निकाला था। इस पर कुछ जिलों से तर्क दिया गया था कि कॉरपोरेशन से यदि उपकरणों की खरीद की जाती है तो उसमें काफी समय लग जाता है। विभाग ने इसमें राहत देते हुए रजिस्टर्ड फर्म से सामान खरीदने की कुछ छूट दी थी। अब विभाग ने सपष्ट कर दिया है कि निजी फर्म से कोई खरीद नहीं होगी। यदि कोई स्कूल ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ जांच बिठाकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

स्कूलों को इस संबंध में जारी कर दिए हैं निर्देश

स्कूल अपने स्तर पर कई तरह की खरीद करते हैं। कोरोना काल में विभाग में सैनेटाइजर, स्प्रे मशीन से लेकर मास्क इत्यादि की खरीद की थी। इसके अलावा स्कूलों में सीसीटीवी व वर्चुअल क्लासरूम के लिए कई सामान खरीदा था। खरीद को लेकर विभाग पर आरोप भी लगे, जिस पर विभाग ने जांच भी बिठाई है। दो प्रधानाचार्यों को सस्पेंड भी किया जा चुका है। भविष्य में इस तरह की कोई अनियमितता न हो इसके लिए विभाग ने अब सरकारी उपक्रम से ही यह खरीद करने का निर्णय लिया है। निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने कहा कि स्कूलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

 

 

 

 

 

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