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THE NEWS WARRIOR
23/03/2022
मथुरा के 72 साल के जी.एस पांडेय ने सफलता के ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स में ली एडमिशन
सीखने के लिए सिर्फ जज्बा काफी हैं उम्र नही रखती मायने
ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में ढेरों संभावनाएं
मथुरा :-
आज के समय में कंप्यूटर और इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल ने ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में ढेरों संभावनाएं पैदा की हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि इंटरनेट के साथ ही ग्राफिक डिजाइनिंग भी आज की दुनिया में कामकाज एक अहम हिस्सा बन गया है। आज की डिजिटल दुनिया में हर चीज कंप्यूटराइज्ड हो गई है। अब चीजों को हाथों के बजाय कंप्यूटर से तैयार किया जाने लगा है और ग्राहक भी डिजिटल तस्वीर देखकर ही चीजों का चुनाव कर रहे हैं। किसी भी वस्तु की ग्राफिक डिजाइन बनाने वाले को ग्राफिक डिजाइनर कहा जाता है। ग्राफिक डिजाइनर कंप्यूटर पर डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर के जरिए ग्राफिक डिज़ाइन बनाता है। यही वजह है कि दिनों-दिन इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में इसे सीखने के लिए सिर्फ जज्बा और जुनून चाहिए जिसे सही मायने में सच कर दिखाया 72 वर्ष के जी.एस पांडेय ने।
72 वर्ष के जी.एस पांडेय सीख रहें हैं ग्राफिक डिजाइनिंग
मथुरा के रहने वाले 72 साल के जीएस पांडेय ने सफलता के ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स में एडमिशन लिया है। जी.एस पांडेय का मानना है कि जब किसी व्यक्ति के मन में कुछ सीखने का जज्बा हो तो उसकी बढ़ती उम्र भी उसको वो काम करने से रोक नहीं सकती। जी.एस बताते हैं कि उन्होंने एक सुबह अखबार में सफलता के इस खास ग्राफिक डिजाइनिंग कोर्स से संबंधित विज्ञापन देखा और तुरंत कोर्स में दाखिला लेने का फैसला कर लिया। जी.एस पांडे ने किस तरह लिया ग्राफिक डिजाइनिंग सीखने का फैसला।
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