स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल ने लहराया देश में परचम
टीकाकरण में यूँ ही नहीं बना हिमाचल देश में सिरमौर (मनोज रत्न)
19 जनवरी
THE NEWS WARRIOR
आज देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है लेकिन इस दौर में उपलब्ध तकनीक और टीकाकरण जैसे अस्त्रों की वजह से इस लड़ाई में आने वाली चुनौतियों पर पार पाना आसान हो रहा है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में तमाम देश टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। किसी देश में ड्रोन्स द्वारा मेडिकल सामान पहुंचाना शुरू हुआ तो किसी देश में रोबोट डॉक्टर्स की मदद कर रहे हैं। भारत सरकार ने भी सूचना तकनीकों का उपयोग करके कोरोना के खिलाफ जंग में देश के नागरिकों को लाभ पंहुचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश में निर्मित आरोग्य सेतु ऐप हो या को-विन पोर्टल के माध्यम से विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो, आत्मनिर्भर भारत का विश्व भर में उदाहरण प्रस्तुत किया है।
भारत में कोरोना के खिलाफ विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। 9 महीने से भी कम समय में भारत ने दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन बना कर दिखा दिया कि भारत यदि ठान ले तो नामुमकिन भी मुमकिन हो सकता है। अब तक 158 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज देश के नागरिकों को लगाए जा चुके हैं। आज देश के लगभग 66 करोड लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं। 91 करोड़ लोगों को फर्स्ट डोज लगाया जा चुका है। हाल ही में 15 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद अब 3.50 करोड़ बच्चों को पहली डोज लगाई जा चुकी है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में वैक्सीनेशन के क्षेत्र में प्रथम व दूसरी डोज देने में देश के अन्य राज्यों को पछाड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हिमाचल प्रदेश ने शत-प्रतिशत टीकाकरण के अद्वितीय गौरव को हासिल कर देश के अन्य राज्यों का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रदेश ने लक्षित आयु वर्ग क कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है।
कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश ने पात्र आबादी के कोविड टीकाकरण की पहली डोज के शत-प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य को हासिल करने में देश में पहला स्थान प्राप्त किया था और फिर प्रदेश ने लक्षित पात्र आबादी को कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर इतिहास रच दिया था।
प्रदेश के चिकित्सकों, स्वास्थ्य र्किर्मयों, आशा कार्यकर्ताओं ने इस टीकाकरण अभियान में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान कर प्रदेश के लोगों को गौरवान्वित किया है। जिला कांगड़ा के बड़ा भंगाल और जिला कुल्लू के मलाणा गांव में हवाई सुविधा द्वारा वैक्सीन, चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करवाकर लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित किया गया।
जहां देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समयबद्ध और उचित निर्णय से इस महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाया है वहीं हिमाचल प्रदेश में भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य कर्मियों ने राज्य को देश भर में विभिन्न अभियानों में प्रथम स्थान दिलाया है। पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज विभाग के माध्यम से विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया जिसके तहत हर घर का सर्वेक्षण कर पात्र व्यक्यिों की सूची तैयार की गयी।
दिव्यांग व बुजुर्ग व्यक्तियों का मोबाइल दल तथा घर-घर टीकाकरण के माध्यम से टीकाकरण सुनिश्चित किया गया। राज्य के दुर्गम क्षेत्रों और जनजातीय क्षेत्रों में पूर्ण टीकाकरण पहले पूरा किया गया और जिला किन्नौर सभी पात्र व्यस्कों को कोरोना की दूसरी खुराक देने वाला पूरे देश में पहला जिला बना। औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों की सुविधा के लिए उनकी सुविधा के अनुसार और उनके कार्यस्थल पर जाकर भी टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए। प्रदेश सरकार कोविड के नए वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रोन के सम्बन्धित मामलों की निगरानी कर रही है और इस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी निवारक उपाय किए जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सभी महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं और सभी जिलों में कोविड जांच की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। प्रदेश के सभी जिलों के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और संस्थानों में आरटीपीसीआर सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जहां कोरोना की दूसरी लहर के समय हिमाचल प्रदेश में ऑक्सीजन के मात्र 6 प्लांट ही थे आज यहां 48 ऑक्सीजन प्लांट काम करने कर रहे हैं।
राज्य के अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता को 11,500 किया गया है जिसे 17,000 तक बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश में आज 2,374 ऑक्सीजन डेडिकेटेड बिस्तर उपलब्ध हैं जबकि कोविड डेडिकेटेड बिस्तरों की संख्या को भी 8,765 कर दिया गया है, प्रदेश में 237 आईसीयू बिस्तर और 1014 वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं। हिमाचल में कोरोना संक्रमित रोगियों का आंकड़ा अभी ढ़ाई लाख को पार नहीं कर पाया है और प्रदेश में 3900 से अधिक लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके है जोकि संक्रिमतों के अनुपात का मात्र 1.57 प्रतिशत ही है।
हिमाचल प्रदेश में 15 से 18 आयुवर्ग में लगभग 3.57 लाख युवाओं का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। इस अभियान के अन्तर्गत 4,259 शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया गया है, जिसमें 2801 सरकारी, 1,402 निजी और 56 अन्य शिक्षण संस्थान शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश इस लक्षित आयु वर्ग के टीकाकरण में भी देश भर में प्रथम पंक्ति में है और 15 से 18 आयुवर्ग में लक्षित आयुवर्ग को पहली डोज दी जा चुकी है वहीं स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्क्स और 60 वर्ष से ऊपर की श्रेणी के नागरिकों को एहतियातन डोज देने का कार्य भी प्रगति पर है तथा शीघ्र ही प्रदेश शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने की और अग्रसर है।
मनोज रत्न
सह-संयोजक आईटी विभाग
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश