THE NEWS WARRIOR
09/05/2022
सियासी हलचल
हाल ही में पुलिस भर्ती का प्रश्न पत्र लीक होने तथा धर्मशाला के तपोवन में खालिस्तान का झण्डा फहराने के साथ ही पोस्टर आदि लगाए जाने का मामला प्रदेश के रजनीतिकी हलकों में तूल पकड़ने लगा है । इन मामलों से प्रदेश में कांग्रेस को संजीवनी मिली गई । मामले को लेकर कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में हल्ला बोल दिया है । कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि एक ओर प्रदेश में दिन प्रतिदिन महंगाई के साथ ही बेरोजगारी बढ़ रही है। जबकि दूसरी ओर कानून व्यवस्था की स्थिति भी दिनोदिन बद से बदतर हो रही है । कांग्रेसी नेता इन दोनों मामलों में सरकार को घेरने लगे हैं । इसे सरकार की असफलता से जोड़ कर देख रहे हैं ।
मंडी लोकसभा सांसद रानी प्रतिभा सिंह के कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने से अब कांग्रेसी फिर से एक जुट होने का दावा कर रहे हैं तथा भाजपा पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं । इससे पहले काफी लंबे समय से पार्टी के बड़े नेता अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग अलाप रहे थे । यह अलग बात है कि पार्टी के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर के नेतृत्व में कांग्रेस ने मंडी लोकसभा उपचुनाव के साथ ही अर्की, जुब्बल कोटखाई व फतेहपुर विधानसभा के उपचुनाव जीतने से पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हुआ ।
उस समय कांग्रेस का छोटे से छोटा कार्यकर्ता यह मान कर चल रहा था कि अब भाजपा की जयराम सरकार के दिन लद गए हैं । यही नहीं प्रदेश में अफसरशाही के स्वर बदले लगे थे । भाजपा नेता भी सन्न हो गए थे लेकिन उतर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा मणिपुर व पंजाब में विधानसभा के आम चुनावों में कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन न होने के कारण पार्टी के बड़े नेताओं को फिर से सोचने को मजबूर कर दिया था । इसके साथ ही भाजपा के फिर से हौंसले बुलंद हो गए । इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोलन, कांगड़ा व बिलासपुर जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली । उन्होंने दो बार हिमाचल का दौरा किया तथा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पीठ थपथपाई । इससे पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडी आए थे तब भी उन्होंने यह कह दिया था कि अगले विधानसभा चुनाव में जयराम ठाकुर ही मख्यमंत्री का चेहरा होंगे । प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी थे ।
पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की भारी बहुमत के साथ जीत होने से पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हैंसले बुलन्द हो गए । उन्होंने हिमाचल में भी अपनी गोटियां फिट करने का प्रयास किया । गत आठ अप्रैल को उन्होंने मंडी में रोड शो किया । उनके साथ पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भगवंत मान भी थे । लेकिन इसके परिणाम आने के पहले ही प्रदेश में खालिस्तान समर्थकों ने हिमाचल में उत्पात का माहौल शुरू कर दिया ।
हालांकि केजरीवाल ने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए खूब पसीना बहाया था लेकिन सत्तासीन भाजपा या कांग्रेस का बड़ा चेहरा आप के साथ नहीं गया । उल्टा यह जरूर हुआ कि आप के कुछ बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए । इससे जो नेता आप में जाने का रास्ता देख रहे थे । वे चुप हो गए । जबकि इससे पहले भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनैतिक नेता आम आदमी पार्टी से सहमे हुए थे । हालांकि अब आम आदमी पार्टी को भाजपा व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने घेरने की कोशिश की है लेकिन पुलिस भर्ती के प्रश्न पत्र लीक होने का बड़ा मामला कांग्रेस के हाथ लग गया है । पार्टी इसे कितना भुना पाएगी । यह तो भविष्य के गर्भ में है ।
रामलाल पाठक
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