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अधिकारों से पूर्व मानवता को समझें- प्रो.रामकृष्ण
स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राजनैतिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो.पवन कुमार तथा स्नातक तथा स्नातकोत्तर विभाग के विद्यार्थियो ने किया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. रामकिशन ने कहा कि मानवाधिकार दिवस को समझने से पूर्व हमें असमानता तथा भेदभाव को समझना होगा क्योंकि इन अधिकारों की पृष्ठभूमि में असमानता एक मुख्य कारण है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि बच्चों,महिलाओं,जातियों,धर्मों तथा सम्प्रदायों में पनप रही असमानता मानवाधिकारों को लागू करने की दिशा में एक बड़ा अवरोध है। इस अवसर पर महाविद्यालय समितियों के संयोजक एवं प्रो.सुरेश शर्मा ने कहा कि मानवाधिकारों की दिशा में मानवीय वृतियां, विकृतियां तथा न्यायप्रियता का नाम होना एक मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि ईश्वरीय सत्ता में मनुष्यों में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है लेकिन मानव की व्यक्तिवादी सोच तथा आवश्यकता से अधिक संग्रह,छीना-झपटी दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति तथा जोर- जबरदस्ती से दबाकर शोषण करने की मानसिकता से अधिकारों की आवश्यकता हुई। उन्होंने कहा कि अधिकारों के साथ व्यक्ति को कर्तव्यों के लिए भी सजग होकर जागरूक एवं संवेदनशील होकर सन्तुलन बनाना चाहिए।प्रो.शर्मा ने कहा कि बच्चों, महिलाओं, दलितों,पतितों, वंचितों,शोषितों को जागरूक कर उन्हें न्याय दिलाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम संयोजक प्रो.पवन कुमार ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर मानवाधिकार दिवस पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें शैलजा ने प्रथम,तनु शर्मा ने द्वितीय तथा पूनम ठाकुर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में विभाग के सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।