THE NEWS WARRIOR
04 /05 /2022
आइजीएमसी में इंटर्न डॉक्टरों ने बुधवार सुबह 11 बजे सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
छह मई काे नया बैच हाेगा पास आउट
रोजगार की नहीं है कोई गारंटी
स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं हैं काेई प्लान
शिमला:-
सेव द सेवियर, नीट की मेहनत बर्बाद डाॅक्टर बने पढ़े लिखे बेराेजगार, वी वांट कैंपस इंटरव्यू जैसे बैनर और साइन बोर्ड लेकर हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में इंटर्न डाॅक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। आइजीएमसी में इंटर्न डॉक्टरों ने बुधवार सुबह 11 बजे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला।
छह मई काे नया बैच हाेगा पास आउट
प्रदेश के मेडिकल काॅलेजाें से छह मई काे नया बैच पास आउट हाेगा। ऐसे में राेजगार का क्या हाेगा, इसकी काेई गारंटी नहीं हैं। आईजीएमसी में 2016 बैच के इंटर्न डॉक्टरों का कहना है कि एमबीबीएस करने के बाद क्या हाेगा, इसकाे लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग के पास काेई प्लान नहीं हैं।
मेडिकल काॅलेजाें में डाॅक्टराें की पाेस्ट खाली
आईजीएमसी इंटर्न डाॅक्टर एसाेसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रजत ने बताया कि वर्ष 2016 बैच के करीब 300 डॉक्टर हैं, जिनका 6 मई को टर्म पूरा हो रहा है। सरकार ने उन्हें रोजगार देने का दावा किया था, लेकिन अभी तक कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उनका कहना है कि प्रदेश में सभी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। वह पिछले 6 महीने से सरकार के संपर्क में हैं, जबकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो आने वाले दिनों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
छह मेडिकल काॅलेज प्रदेश में
हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल काॅलेज हैं। इनमें आईजीएमसी शिमला, कांगड़ा का टांडा, नाहन, मंडी, चंबा, हमीरपुर कॉलेज में हर साल 300 एमबीबीएस के छात्राें की एडमिशन हाेती है। इसी तरह हर बार बैच पास आउट भी हाेते हैं। साेलन में एक प्राइवेट मेडिकल काॅलेज है, लेकिन इसकी फीस काफी ज्यादा है। इसलिए अधिकतर मेडिकल स्टूडेंट सरकारी मेडिकल काॅलेजाें में ही एडमिशन लेते हैं।
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