THE NEWS WARRIOR
07 /03/2022
जाम से परेशान शिमला की समस्या हुई हल
आम लोगों को जाम से राहत दिलवाने की पूरी तैयारी
गाड़ियों को अधिकृत पार्किंग या फिर यलो लाइन पार्किंग में ही करे पार्क, नही तो कटेगे चालान
शिमला:-
हिमाचल की राजधानी शिमला में निजी स्कूल खुलने के बाद जाम ने लोगों को परेशान कर दिया है। इस व्यवस्था से निपटने के लिए पुलिस ने अपना प्लान बदला है। कार्ट विधानसभा के पास तिराहे, विक्ट्री टनल, ओल्ड बस अड्डे, तारा हाल में अतिरिक्त पुलिस जवानों की तैनाती की है। सुबह 9:30 से 11 बजे व शाम को 5 से 5:30 बजे तक सबसे ज्यादा जाम लगता है।
जाम से आम लोगों को राहत दिलवाने की पूरी तैयारी
निजी स्कूलों में 1 से 3 बजे तक छुट्टी होती है जिसके चलते कार्ट रोड़ पर जाम की स्थिति बनी रहती है। इस दौरान ट्रैफिक जाम न हो, इसलिए प्रशासन ने वहां पर एक बाइकर और एक पुलिस कर्मचारी को तैनात करने का फैसला लिया है। इससे शहर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगी। दूसरी तरफ स्कूल खुलने के बाद शहर में ट्रैफिक बढ़ने की आशंका है जिसे भी खत्म किया जा सकेगा। यातायात जाम से भी आम लोगों को राहत दिलाने की पूरी तैयारी है। ट्रैफिक पुलिस में तैनात कर्मचारियों को सुबह से ही सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
अवैध रूप से गाड़ी पार्क करने वालो के पुलिस कटेगी चालान
पुलिस का कहना है कि कार्ट रोड़ के दोनों तरफ लोग अपने निजी वाहन खड़े करके चलते जाते हैं। एम.एल.ए क्रॉसिंग के आसपास बसें भी सड़कों के किनारे खड़ी रहती है। इससे ट्रैफिक जाम लगता है। पुलिस ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि गाड़ियों को अधिकृत पार्किंग या फिर यलो लाइन पार्किंग में ही पार्क करे। यदि कोई अवैध रूप से सड़कों के किनारे गाड़ी पार्क करता है तो पुलिस उसका चालान करेगी।
बाइकर करवाएगे यातायात व्यवस्था को बहाल
शिमला शहर में जितने भी स्कूल सड़क के साथ हैं, उनके बाहर एक बाइकर को स्कूल के 500 मीटर दोनों तरफ गश्त करते हुए यातायात व्यवस्था बहाल करने का काम सौंपा गया है। स्कूलों के अलावा कुछ और बाइकर को पूरे शहर में गश्त करने का जिम्मा सौंपा है ताकि जाम लगने पर तुरंत यातायात व्यवस्था को बहाल करवाया जा सके।
सुबह 9:30 से 11 बजे तक लगता है जाम
राजधानी शिमला में सबसे ज्यादा जाम क्रॉसिंग से विक्ट्री टनल तक लगता है। यहां पर रोजाना सुबह 9:30 से 11 बजे तक जाम लगता है। हालात ये है कि 4 से 5 किलोमीटर के सफर में आधे से पौना घंटा लग जाता है। रोजाना लगने वाले जाम से स्कूली छात्र, कर्मचारी सहित अन्य लोग खासे परेशान होते हैं। कई बार बसों को छोड़ लोग पैदल ही दफ्तरों को निकल जाते हैं।
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