थम गए वो सुर जो सिर्फ अब हमारे कंठ ही गुनगुनाएँगे, नहीं रही स्वर सम्राज्ञी लता मंगेश्कर, देश सदमे में

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थम गए वो सुर जो सिर्फ अब हमारे कंठ ही गुनगुनाएँगे, नहीं रही स्वर सम्राज्ञी लता मंगेश्कर, देश सदमे में

The News Warrior

डेस्क 6 फरवरी

 सुरों की कोलिका लता मंगेशकर ने आज इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.लता जी ने सुबह 8:12 मिनट पर अंतिम सांस ली.लता मंगेशकर कोरोना पॉजिटिव थीं. उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.  ब्रीच कैंडी अस्पताल के अनुसार लता दीदी का निधन मल्टीपल ऑर्गन फेलियर की वजह से हुआ.  इस खबर से  देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है.

10 जनवरी से थीं अस्पताल में भीर्ती
लता मंगेशकर 10 जनवरी से मुंबई के ब्रीच कैंडी असपताल में हैं. उनको न्यूमोनिया होने के भर्ती कराया गया था. लता जी लगातार आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में थीं.कुछ दिनों पहले उनकी हालत में सुधार की खबर आई थी. यहां तक कि उन्हें वेंटिलेटर पर कुछ दिनों के लिए रखा गया था और फिर बाद में वेंटिलेटर से हटा दिया गया था. लेकिन अचानक तबीयत फिर बिगड़ी और  वेंटिलेटर पर दोबारा रखा गया .
दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
लता मंगेशकर के  निधन की खबर आई जिसने सभी को हिलाकर रख सबसे पहले इसकी सूचना केन्द्रीय मंत्री नितिन  गडकरी ने त प्रधानमंत्री मोदी ने
लता मंगेशकर की याद में केंद्र सरकार ने दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है.इस दौरान दो दिन तक तिरंगा आधा झुका रहेगा

क्या था लता जी का असल नाम?

लता मंगेशकर के चाहने वालों की तादाद कोरोड़ों में है. लेकिन क्या आप को पता है लता जी का असल नाम किया था. दरअसल, लता जी को असल नाम जुड़ी कहानी काफी दिलचस्प है. लता का असली नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर था. लता मंगेशकर के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था. उनके पिता मराठी थियेटर के मशहूर एक्टर और नाट्य संगीत म्युजिशियन थे.

 

लता जी की आवाज़ कानों में रस घोलती रहेगी
सुरों की कोलिका लता मंगेशकर अगरचि अब हमारे बीच नहीं रहीं, लेकिन उनकी आवाज़ का जादू हमारी कानों में रस घोलता रहेगा. लता मंगेशकर ने जब भी कोई गाना गाया अपनी आवाज से जादू चलाया. उनकी आवाज में न जाने कैसी कशिश थी, जो सुनने वाला सुनता रह जाता था. पिछले कई सालों से वो म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज कर रही थीं.

 

इलाज में जुटी थी पांच डॉक्टरों की टीम

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की देखभाल के लिए अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम जुटी हुई थी. एक निजी चैनल से बात करते डॉक्टर प्रतीत समदानी ने कहा कि लता मंगेशकर को कोरोना के साथ-साथ निमोनिया भी हो गया था.

 

पिता के निधन के बाद परिवार को संभाला

लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के पिता का निधन साल 1942 में हो गया था. बड़ी संतान होने के कारण परिवार का सारा भार लता जी के कंधों पर आया. जिसके बाद लता जी ने पिता के दोस्त मास्टर विनायक ने उन्हें बड़ी मां फिल्म में रोल ऑफर किया, जिसके लिए वो मुंबई आईं. इसके साथ ही लता जी ने उस्ताद अमन अली खान से हिंदुस्तानी म्यूजिक सीखा. लता दीदी ने अपने करियर में कई लिजेंड्री म्यूजिक डाटरेक्टर के संग काम किया है. जिसमें मदन मोहन, आर.डी बर्मन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और एआर रहमान शामिल हैं.

 

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