Read Time:4 Minute, 33 Second
THE NEWS WARRIOR
22/02/2022
कीव से दिल्ली के लिए चलेंगी तीन और फ्लाइट्स
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
अभियान के लिए ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को किया तैनात
नई दिल्ली:-
यूक्रेन व उसके आसपास के क्षेत्रों में 20 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक रहते हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। भारत ने यूएन में कहा है कि, इन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।
भारतीय नागरिकों के लिए निकासी अभियान शुरू
यूक्रेन पर हमले की गहराती आशंका के बीच भारत ने यूक्रेन व आसपास के क्षेत्रों में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए निकासी अभियान शुरू कर दिया है। आज सुबह एयर इंडिया का विशेष विमान यूक्रेन रवाना कर दिया गया है। भारत ने इस विशेष अभियान के लिए 200 से ज्यादा सीटों वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को तैनात किया है। यह फ्लाइट यूक्रेन के खार्किव से 256 भारतीय छात्राें को लेकर देश लौटेगी। जानकारी के मुताबिक, फ्लाइट आज रात 10.15 बजे देश लौट आएगी।
उड़ानों को किया संचालित
इस बीच, यूक्रेन में जारी उच्च स्तरीय तनाव को देखते हुए भारत ने अतिरिक्त उड़ानों को संचालित करने का फैसला किया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के मुताबिक, कीव से दिल्ली के लिए अतिरिक्त उड़ानें 25 फरवरी, 27 फरवरी(दो उड़ानें) और 6 मार्च, 2022 को संचालित होंगी।
भारतीय नागरिक हमारी प्राथमिकता
रूस द्वारा यूक्रेन के दो शहरों को स्वतंत्र घोषित किए जाने और सेना भेजने के आदेश के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुला ली है। इसमें संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि, रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा खंडित होगी। उन्होंने कहा कि, 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं। भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि, भारत दोनों पक्षों को संयम बरतने के साथ कूटनीतिक प्रयास तेज करने पर जोर देता है।
पुतिन ने दिया सेना भेजने का आदेश
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो शहरों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को स्वतंत्र के रूप में मान्यता दे दी है। उन्होंने सोमवार को देश के नाम संबोधन में इसका एलान किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने संबोधन में यूक्रेन को अमेरिका का उपनिवेश बताते हुए कहा कि यूक्रेन का शासन अमेरिका के हाथों की ‘कठपुतली’ है।रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों के बीच तनाव और बढ़ने की आशंकाएं गहरा गई है। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के सैन्य बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।