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20/06/2022
अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में नियमित सैनिकों की तरह मिलेगा भत्ता
देश सेवा में जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर’ को मिलेगा एक करोड़ रुपये का मुआवजा
नई दिल्ली:-
केंद्र सरकार की नई सेना भर्ती ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में देशभर में प्रदर्शन चल रहें हैं। इसी बीच तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस यह साफ कर दिया है कि ये योजना वापस नहीं ली जाएगी, साथ ही सेना में बहाली सिर्फ ‘अग्निवीर’ योजना के जरिए ही होगी। कॉन्फ्रेंस में यह कहा गया की सेना में यूथ को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अग्निवीरों को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वहीं भत्ता मिलेगा जो नियमित सैनिकों पर लागू होता। अग्निवीर के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
जानिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु:-
- अग्निपथ योजना नहीं होगी वापस
- सभी भर्तियां अग्निपथ योजना के तहत ही की जाएंगी
- देश सेवा में जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा
- ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो नियमित सैनिकों पर लागू
- अग्निवीर में पुरुष और महिला दोनों जवान होंगे
- एयरफोर्स में 24 जून से अग्निवीर के पहले बैच की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होगी
- नौसेना में 25 जून को नोटिफिकेशन जारी होगा
- थलसेना एक जुलाई को ऩोटिफिकेशन जारी करेगी
- एयरफोर्स में 24 जुलाई से फेज-1 की ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
- एयरफोर्स में पहले बैच का प्रशिक्षण 30 दिसंबर से शुरू होगा
- 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर तक ज्वाइन करेगा
- अग्निवीरों का दूसरा बैच फरवरी 2023 तक शामिल किया जाएगा
- युद्धपोतों पर तैनात होंगी महिला अग्निवीर
- प्रमाण पत्र देना होगा कि अभ्यर्थी विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे, यानि हिंसा करने वाले नहीं बन पाएंगे अग्निवीर
- सेना में भर्ती के लिए पहले भी पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी था, इसमें भी होगा
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अग्निपथ योजना प्रगतिशील कदम- अनिल पुरी
अग्निपथ योजना पर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह सुधार लंबे समय से लंबित था। हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव लाना चाहते हैं। योजना को वापस नहीं लिया जाएगा, इसे वापस क्यों लिया जाए, यह एक प्रगतिशील कदम है। अधिकारी ने कहा यह देश को युवा बनाने का एकमात्र प्रगतिशील कदम है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। क्या आप जानते हैं कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों से स्वास्थ्य उद्देश्यों के लिए कितने लोगों के हताहत होने की सूचना है? इसके बारे में पढ़ें, तब आपको पता चलेगा कि युवा क्यों महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हर साल लगभग 17 हजार 600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहें हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र योजना का ‘विश्लेषण’ करने के लिए सेना के 46 हजार उम्मीदवारों की भर्ती के साथ इसे शुरू करेगा. अगले 4-5 वर्षों में हमारी भर्ती (सैनिकों की) 50,000-60,000 होगी। बाद में इसे बढ़कर 90 हजार से एक लाख कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46 हजार से छोटी शुरुआत की है. उनिकट भविष्य में हमारे ‘अग्निवीर’ का आंकड़ा 1.25 लाख तक हो जाएगा। शीर्ष सैन्य अधिकारी ने यह भी कहा कि सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं है। अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है. अगर अग्निवीर राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन बलिदान करते हैं तो उन्हें एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं
लेफ्टिनेंट ने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है। आगजनी, तोड़फोड़ के लिए सेना में कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमने इस योजना को लेकर हाल की हिंसा की उम्मीद नहीं की थी. सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. सभी उम्मीदवारों को एक लिखित शपथ देनी होगी कि वे किसी भी तरह की आगजनी/हिंसा में शामिल नहीं हैं.’ पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि हमारे साथ जो अग्निवीर में जुड़ना चाहता है वो प्रतिज्ञा लेगा कि उसने किसी प्रदर्शन या तोड़फोड़ में हिस्सा नहीं लिया…फौज में पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई नहीं आ सकता. इसलिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों से अनुरोध है कि अपना समय खराब न करें.
24 जुलाई से फेज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि आर्मी के 84 भर्ती केंद्र हैं, हमारी यूनिट के 350 केंद्र हैं. वहां युवाओं को जाकर कहना है कि हमें ‘अग्निपथ’ के बारे में बताएं. आप वीडियो देखें आपको पता चलेगा कि कश्मीर में युवाओं को कैंप में ट्रेनिंग तक दी जाती है. एयर मार्शल एसके झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यह एक ऑनलाइन सिस्टम है. उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा. एक महीने बाद 24 जुलाई से फेज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी. पहला बैच दिसंबर तक नामांकित होगा और प्रशिक्षण 30 दिसंबर तक शुरू होगा.
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वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 25 जून तक एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा. एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक ‘अग्निवीर’ प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा. नौसेना के अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में विभिन्न भारतीय नौसेना के जहाजों पर नौकायन करने वाली 30 महिला अधिकारी हैं. हमने फैसला किया है कि अग्निपथ योजना के तहत हम महिलाओं की भी भर्ती करेंगे. उन्हें युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा.’
देशभर में आयोजित की जाएंगी भर्ती रैलियां
सेना की भर्ती योजना के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने कहा कि सेना सोमवार को मसौदा अधिसूचना जारी करेगी और बाद की अधिसूचनाएं एक जुलाई से सेना की विभिन्न भर्ती इकाइयां जारी करेंगी. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे देश में होंगी.
लेफ्टिनेंट जनरल पोनप्पा ने कहा कि 25,000 कर्मियों का पहला बैच दिसंबर के पहले एवं दूसरे सप्ताह में प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ेगा तथा दूसरा बैच फरवरी 23 के आसपास अपने प्रशिक्षण में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि करीब 40,000 कर्मियों के चयन के लिए देशभर में कुल 83 भर्ती रैलियां आयोजित की जाएंगी. चार साल के कार्यकाल के बाद 75 फीसद ‘अग्निवीरों’ के सशस्त्र बलों से बाहर आने के प्रावधान का जिक्र करते हुए लेफ्टिनेंट पुरी ने कहा कि तीनों अंगों से हर साल 1,76,000 सैनिक समयपूर्व सेवानिवृति ले लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि अग्निपथ योजना के तहत ही लोग (सेना से) बाहर आएंगे.’
14 जून को किया गया था इस योजना का एलान
मंगलवार को इस योजना का एलान करते हुए सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सशस्त्रबलों में भर्ती किया जाएगा तथा बाद में उनमें से 25 फीसद को नियमित सेवा पर रख लिया जाएगा. इस तरह भर्ती होने वाले युवक ‘अग्निवीर’ कहलायेंगे. दो साल तक सेना में भर्ती स्थगित रहने की पृष्ठभूमि में इस नई योजना का एलान किया गया. वैसे सेना हर साल 50-60 हजार सैनिकों की भर्ती करती है. लेकिन पिछले दो सालों में कोविड-19 महामारी के चलते भर्ती नहीं हो पाई.
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