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07 /07 /2022
मंदिर 35 फीट के वर्गाकार दायरे में है
निर्माण काल माना जाता है 900 से 925 ई के आसपास का
मध्यप्रदेश:-
लक्ष्मण मंदिर के पास स्थित यह मंदिर 35 फीट के वर्गाकार दायरे में है। इसका गर्भगृह भी वर्गाकार है। प्रवेश द्वार पूरब की ओर है। मंदिर का शिखर बहुमंजिला है। इसका निर्माण काल 900 से 925 ई के आसपास का माना जाता है। चंदेल शासक हर्षदेव के काल में इस मंदिर का निर्माण हुआ। मंदिर के गर्भगृह में विशाल शिवलिंग है जो 8.5 फीट ऊंचा है। इसका घेरा तकरीबन 4 फीट का है। इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से भी लोग जानते हैं।
मंदिर पूजा-पाठ व आस्था का बना हुआ है केंद्र
छतरपुर जिले के खजुराहो में किसी समय 85 मंदिर होते थे, लेकिन अब सिर्फ कुछ ही मंदिर बचे हैं। पुरातत्व मंदिरों में मतंगेश्वर महादेव का ही एक ऐसा मंदिर है। मतंगेश्वर महादेव मंदिर 9वीं सदी में बना हुआ मंदिर है। आज यह मंदिर पूजा-पाठ व आस्था का केंद्र बना हुआ है। मतंगेश्वर महादेव मंदिर को खजुराहो में सबसे ऊंचा मंदिर माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शंकर के पास मरकत मणि थी, जिसे शिव ने पांडवों के भाई युधिष्ठिर को दे दी थी। युधिष्ठिर के पास से वह मणि मतंग ऋषि पर पहुंची और उन्होंने राजा हर्षवर्मन को दे दी। मतंग ऋषि की मणि की वजह से ही इनका नाम मतंगेश्वर महादेव पड़ा, क्योंकि शिवलिंग के बीच मणि सुरक्षा की दृष्टि से जमीन में गाड़ दी गई थी। तब से मणि शिवलिंग के नीचे ही है।
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