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11 अप्रैल 2023
शिमला : आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को उच्च और व्यवसायिक शिक्षा ग्रहण करने का सपना प्रदेश सरकार पूरा करेगी। सरकार गरीब छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए 1 प्रतिशत ब्याज पर ऋण देगी । मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रों को यह ऋण दिया जाएगा । इस योजना के तहत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
इस योजना से उठा सकेंगे शिक्षा से जुड़े खर्च
इस योजना के अनुसार, 3 लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को एक प्रतिशत की ब्याज दर पर वित्तीय संस्थानों या बैंकों के माध्यम से शिक्षा ऋण दिया जाएगा । इससे छात्रों को ट्यूशन फीस, आवास, किताबें एवं शिक्षा से जुड़े अन्य खर्च उठाने में सहायता मिलेगी ।
इस योजना के तहत यह पाठ्यक्रम शामिल
इस योजना के तहत सरकार ने इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, PHD, ITI के पाठ्यक्रम, पॉलिटेक्निक, बी-फार्मेसी, नर्सिंग, जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी (GNM) सहित कई व्यवसायिक पाठ्यक्रम शामिल किए हैं । योजना का मुख्य उद्देश्य वित्तीय संसाधनों के अभाव में राज्य में कोई भी गरीब बच्चा उच्च और व्यवसायिक शिक्षा से वंचित न रहे। एक प्रतिशत ब्याज दर सिर्फ उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए है, ताकि विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित हों।
व्यवसायिक शिक्षा का यह है उद्देश्य
गरीब बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने का मुख्य उद्देश्य उन्हें रोजगार के लिए तैयार करना है। सरकार का मानना है कि जब छात्र व्यवसायिक शिक्षा के प्रति अपना रुझान बनाएंगे तो वह भविष्य में इसी में अपना खुद का रोजगार अर्जित करेंगे और यह तभी संभव होगा, जब उन्हें इसकी उच्च शिक्षा के लिए कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी।