शोध में वैज्ञानिक साहित्य का अध्ययन तथा मानव प्रोजेक्ट, घुमारवीं महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

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शोध में वैज्ञानिक साहित्य का अध्ययन तथा मानव प्रोजेक्ट

घुमारवीं महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
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157 प्रतिभागियों ने लिया भाग
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स्वामी विवेकानंद राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। यह सेमिनार आईआईएसईआर पुणे तथा महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया जिसमें 157 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जूलॉजी विभाग की डॉ. शिष्टा शर्मा द्वारा आयोजित इस सेमिनार की समिति में प्रो. बोविन्दर कटोच तथा डॉ. कुलदीप बरवाल ने इसकी सफलता के लिए अपना सहयोग दिया। “वैज्ञानिक साहित्य को कैसे पढ़ा जाए तथा प्रोजेक्ट मानव” पर आयोजित यह अपनी तरह का हिमाचल प्रदेश मे पहला तथा अनूठा डिजिटल सेमिनार था। इस सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो.सुरेश शर्मा ने आयोजन समिति तथा आयोजन सचिव डॉ. शिष्टा शर्मा को बधाई देते हुए आईआईएसईआर पुणे की व्याख्याता डॉ.अनुपमा हर्षल वाडवलिकर का स्वागत करते हुए कहा कि इस विषय पर यह सेमिनार इस महाविद्यालय के लिए एक विशेष उपलब्धि है उन्होंने आयोजकों को तथा आयोजन सचिव को अपनी बधाई दी। इस सेमिनार की आयोजन सचिव डॉ.शिष्टा शर्मा से ने बताया कि अब तक एक करोड़ 40 लाख वैज्ञानिक शोध पत्र विभिन्न डेटाबेसिस में प्रकाशित किए जा चुके हैं जिनमें से अब तक 2.5 लाख शोध पत्र मानव प्रोजेक्ट के द्वारा संकलित किए जा चुके हैं यानी कि उनका संयुक्त डाटा बेस बनाया जा चुका है।
डॉ.अनुपमा हर्षल वाडवलिकर मानव हुमन एटलस इनिशिएटिव आईआईसीआर पुणे की साइंस कंसलटेंट हैं तथा उन्होंने अनेकों विषयों पर लगभग 100 से अधिक वेबीनार तथा सेमिनार राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय विज्ञान क्षेत्र में आयोजित किए हैं। सेमिनार की मुख्य वक्ता एवं मुख्य अतिथि डॉ. वाडवलिकर ने अपने व्याख्यान में प्रतिभागियों को बहुत ही विस्तृत रूप में ज्ञानवर्धक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि विकिपीडिया पर उपलब्ध जानकारी आवश्यक नहीं कि वह सही हो इसलिए शोध पत्रों का अध्ययन करने के लिए शोधकर्ताओं तथा अध्ययन कर्ताओं को पबमैड तथा गूगल स्कॉलर जैसे प्लेटफार्म का प्रयोग करना चाहिए। डॉ. अनुपमा ने प्रतिभागियों को शोध पत्र लिखने तथा शोध-पत्र चयन की नई तकनीक तथा प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। इस डिजिटल सेमिनार में सभी प्रतिभागियों तथा छात्र-छात्राओं ने रिसोर्स पर्सन द्वारा उपलब्ध ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय की इंस्टीट्यूशनल इनोवेशन काउंसिल के संयोजक डॉ. नित्तम चंदेल तथा डॉ. कुलदीप बरवाल ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के अंत में जूलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.बोविन्दर कटोच ने रिसोर्स पर्सन डॉ.अनुपमा हर्षल, संयोजन सचिव तथा आयोजन में प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष सहयोगियों एवं प्रतिभागी छात्र एवं छात्राओं का धन्यवाद किया।

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