अदालत से छिपाई थी अपनी पत्नी पूजा पाल के टेंडर में बड़ा बोलीदाता होने की जानकारी
जिला अस्पताल बिलासपुर परिसर में दवा की दुकानों के टेंडर का मामला
The News Warrior
7 अप्रैल 2023
शिमला : न्यायालय ने कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग व कोर्ट में झूठे तथ्य पेश करने पर प्रार्थी की याचिका को एक लाख रुपये कास्ट सहित रद कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश वीरेंदर सिंह की खंडपीठ ने पंकज शर्मा की ओर से दायर याचिका पर यह निर्णय सुनाया। प्रार्थी ने याचिका में क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में दवा की दुकान नंबर चार से संबंधित टेंडर दोबारा बुलाने की न्यायालय से गुहार लगाई थी। साथ ही 13 जनवरी 2013 को जारी उन सरकारी आदेशों को भी रद करने की गुहार लगाई थी, जिसमें उसे टैंडर प्रक्रिया में अयोग्य घोषित किया था। न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादी विभाग ने दवा की दुकान के लिए टेंडर आमंत्रित किया था।
प्रार्थी के अनुसार जिसने 1,41,000 रुपये प्रति माह किराया देने के लिए बिड दाखिल की थी उसने 19 दिसंबर 2022 को सरेंडर किया था। प्रार्थी के अनुसार उसने 92,000 रुपये प्रति माह किराया देने के लिए बीड दखिल की थी, इसलिए वह इस दुकान को किराये पर लेने का हक रखता है। न्यायालय ने पाया कि प्रार्थी ने न्यायालय को यह बताना जरूरी नहीं समझा कि सबसे अधिक बोली लगाने वाला और कोई नहीं, बल्कि उसकी पत्नी थी, जो एनआर हास्पिटल चांदपुर बिलासपुर में प्रबंध निदेशक के तौर पर कार्य कर रही है। वह इस षड्यंत्र में प्रार्थी के साथ शामिल थीं
हर तरीके से टैंडर को कम किराए पर अपने पक्ष में करवाने के लिए इस तरह का हथकंडा अपनाया जो कानून की नजरों में मान्य नहीं है। न्यायाधीश ने कोर्ट में तथ्यों को छुपाने झूठी जानकारी देने के लिए 1 लाख़ हर्जाना लगाया है जो पार्थी को एचपी हाई कोर्ट एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन में जमा करना होगा । पार्थी ने हाईकोर्ट के निर्णय की अनुपालना की या नहीं इसके लिए 10 मई को पूछेगा।
यह रहा कोर्ट का फैसला