हिमाचल से एनटीटी करने वाले हजारों लोग प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर

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25/05/2022

प्रदेश का कोई भी संस्थान एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं, शिक्षा मंत्रालय को भेजा पत्र

नर्सरी और केजी कक्षाओं के लिए 4,000 शिक्षक होने हैं भर्ती

शिमला:-

हिमाचल प्रदेश से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले हजारों अभ्यर्थी प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर हो गए हैं क्योंकि प्रदेश का कोई भी एनटीटी संस्थान नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से  मान्य नहीं है। शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को इसे बारे में पत्र भेजा है। प्रदेश से कोर्स करने वालों को इससे झटका लगा थी।

आपको बता दे की ऐसे में अन्य राज्यों के मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी भर्ती में शामिल हो सकेंगे। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए 4,000 शिक्षक भर्ती होने हैं। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले एनटीटी के मान्यता प्राप्त संस्थानों की पड़ताल करने के लिए शिक्षा विभाग ने केंद्र से यह जानकारी मांगी हैं।

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कैबिनेट बैठक में चर्चा 

केंद्र की ओर से इस बारे प्रधान सचिव शिक्षा को पत्र भेजा गया है। अब इस मामले से शिक्षा विभाग कैबिनेट को अवगत करवाएगा। संभावित है कि 26 मई को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी।

प्री प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 70 फीसदी पद एनटीटी, अर्ली चाइल्ड हुड केयर कोर्स करने वालों और 30 फीसदी पद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से भरने का प्रस्ताव विभाग ने बीते दिनों तैयार किया था। अब केंद्र सरकार से प्राप्त पत्र के बाद शिक्षा विभाग नये सिरे से भर्ती के नियम बनाने में जुट गया है। एनसीटीई के नियमों के तहत भर्ती की जानी है।
शिक्षकों की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष तय करने की सिफारिश
शिक्षा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में दस विद्यार्थियों से अधिक संख्या वाले स्कूलों में शिक्षक भर्ती करने और शिक्षकों की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष तय करने की सिफारिश की गई है।

एनसीटीई ने वर्ष 2010 से  मान्यता देना किया हैं बंद  

एनसीटीई ने वर्ष 2010 से नर्सरी टीचर ट्रेनिंग संस्थानों को मान्यता देना बंद कर दिया है। इसके बावजूद भी देश भर में कई निजी संस्थानों ने दो वर्ष की अवधि का यह कोर्स जारी रखा। प्रदेश में 2010 से पहले प्रदेश में खुले किसी भी एनटीटी संस्थान ने मान्यता प्राप्त नहीं की हैं जबकि हजारों लोगों ने इन संस्थानों से कोर्स किया है।

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