आज भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी की पुणयतिथि है आज उनकी कुछ योजनाओं को याद करें

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16 /08 /2022

अटल बिहारी वाजपेयी की पहचान एक दूरदर्शी नेता की रही

पुण्य तिथि विशेष: 

अटल बिहारी वाजपेयी की पहचान एक दूरदर्शी नेता की रही, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए कई ऐसे काम किया, जिनसे देश के विकास को नई गति और दिशा मिली। ऐसे ही कुछ प्रमुख काम का नीचे जिक्र किया गया है।

स्वर्ण चतुर्भुज योजनाः
देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की जरुरत को अटल जी ने काफी पहले ही समझ लिया था। यही वजह रही कि जब उनकी सरकार सत्ता में आयी तो उन्होंने महत्वकांक्षी चतुर्भुज योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत अटल जी ने देश के चार बड़े महानगरों चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को सड़क मार्ग से जोड़ने की योजना बनायी।
औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई। इसी योजना का असर है कि आज देश के छोटे-बड़े गांव और शहर सड़कों से जुड़ गए हैं और देश में सड़कों का जाल बिछ गया है।

निजीकरण को गति देने के लिए बनाया अलग मंत्रालयः

देश में उदारीकरण लागू करने का श्रेय नरसिम्हा राव को जाता है, लेकिन इसे गति देने का काम अटल जी की सरकार में हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी ने देश में निजीकरण को गति देने के उद्देश्य से एक अलग विनिमेश मंत्रालय का गठन किया।

संचार तकनीक को बढ़ावाः
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में दूरसंचार नीति के तहत रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पेश किया गया। इससे दूरसंचार कंपनियों को खासी मदद मिली। साल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी ने बीएसएनएल के एकाधिकार को समाप्त करते हुए देश में नई टेलीकॉम नीति लागू की। इस नीति का ही असर रहा कि देश में संचार तकनीक को काफी बढ़ावा मिला।

सर्वशिक्षा अभियान की शुरुआतः
देश में शिक्षा की दर बढ़ाने और इसे सर्व सुलभ बनाने के उद्देश्य से अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने साल 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की। इस योजना के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त प्राथमिक शिक्षा की सुविधा दी गई।

पोखरण में परमाणु परीक्षणः
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में ही मई 1998 को पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया। इस परमाणु परीक्षण के साथ ही देश परमाणु शक्ति संपन्न देशों में शुमार हो गया। हालांकि सरकार पर इस परीक्षण को ना करने का काफी दबाव था। इसके बावजूद अटल जी की सरकार ने परीक्षण करने का साहसिक फैसला किया। हालांकि इसके चलते देश को कई प्रतिबंधों से गुजरना पड़ा।

अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 1998 से लेकर साल 2004 तक एनडीए की सरकार का नेतृत्व किया। अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के पहले नेता हैं, जो प्रधानमंत्री बने। अटल बिहारी वाजपेयी कुल तीन बार सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे और प्रधानमंत्री नियुक्त हुए। सबसे पहली बार वह साल 1996 में पीएम बने, लेकिन सिर्फ 13 दिनों तक ही पद पर रहे। इसके बाद अटल जी 1998 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और 1999 तक इस पद पर बने रहे। तीसरी बार अटल बिहारी वाजपेयी साल 1999 से लेकर 2004 तक प्रधानमंत्री चुने गए और इस बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा भी किया।

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को है और इस दिन को गुड गवर्नेंस डे के रुप में मनाया जाता है। साल 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी अपने राजनैतिक करियर में 10 बार लोकसभा सांसद चुने गए, वहीं 2 बार वह राज्यसभा सांसद रहे।

 

 

 

 

 

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