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15 मार्च 2023
मंडी : हिमाचल प्रदेश मनरेगा एवं निर्माण फेडरेशन की जिला कमेटी ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर मंडी शहर के सेरी चानणी में धरना प्रदर्शन किया गया। मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन का कहना है कि मनरेगा मजदूरों को जो सुविधाएं कल्याण बोर्ड के माध्यम से पहले दी जाती थी, उन सुविधाओं से उन्हें वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने बोर्ड के माध्यम से पहले दी जाने वाली सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है।
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मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी की शर्त हटाए जाए
इस मौके पर मनरेगा मजदूरों ने कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार उन्हें 350 रूपये न्यूनतम दिहाड़ी देने की भी मांग की है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मनरेगा में निर्माण फेडरेशन कमेटी द्वारा उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया। वहीं, अन्य मांगों को गिनवाते हुए नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष सुरेश सरवाल ने बताया कि मनरेगा में ऑनलाइन हाजरी व 20 कार्यों की शर्त हटाई जाए।
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मनरेगा मजदूरों को काम करने के लिए औजार करवाएं उपलब्ध
उन्होंने कहा कि मनरेगा कार्यों की असेसमेंट के लिए अलग मापदंड निर्धारित की जाए। सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण रोजगार सेवक व तकनीकी सहायक नियुक्त किए जाएं, मनरेगा जॉब कार्ड धारक मजदूरों से ग्राम पंचायत के जनरल हेड के कार्यों में भी रोजगार दिया जाए। मनरेगा मजदूरों को काम करने के लिए औजार उपलब्ध करवाएं, राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में लंबित मजदूरों के लाभ तुरंत जारी किया जाए। बोर्ड में पंजीकरण व सहायता प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायतों में होने वाले विभिन्न मुद्दों जैसे मनरेगा, वित्त आयोग, विधायक व सांसद निधि तथा अन्य निर्माण संबंधी कार्यों के कार्य दिवसों को मान्यता दी जाए।
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मांगें पूरी न होने पर करेंगे उग्र आंदोलन
इसी के साथ उन्होंने मांग की है कि श्रम और रोजगार विभाग द्वारा 8 फरवरी 2023 को जारी अधिसूचना में भवन निर्माण में सेस अदा करने संबंधी शर्त हटाई जाए और रोजगार प्रमाण पत्र जारी और सत्यापित करने का अधिकार पूर्व की भांति पंजीकृत मजदूर यूनियन को दिया जाए। राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के कार्यों संबंधी गठित एक्सपोर्ट कमेटी में अधिकारियों के अलावा मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। वहीं, राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक तुरंत बुलाई जाए ताकि उसमें बोर्ड के रुके हुए कार्यों को बहाल करने बारे निर्णय लिया जा सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रदेश सरकार इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती है तो आने वाले समय में मनरेगा एवं निर्माण मजदूर यूनियन ज़िला के अन्य मजदूरों को लामबंद करते हुए उग्र आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।