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14 फरवरी 2023
चंबा : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के अजय शर्मा का चयन भारतीय वालीबॉल टीम में हुआ है। अजय शर्मा एशियन पैरा सीटिंग वालीबॉल चैंपियनशिप के लिए भातीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे । अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने चंबा प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे। इंटरनेशनल के लिए सिलेक्शन होने पर गांव शहर और प्रदेश में खुशी का माहौल है। अजय चंबा से ऐसे पहले खिलाड़ी बन गए हैं जिनका चयन भारतीय वालीबॉल टीम में हुआ है । जिला चंबा के स्पोर्ट्स आइकन अवार्ड से भी अजय को सम्मानित किया जा चुका है ।
बड़े भाई और कोच को दिया श्रेय
हाल ही में हुए नेशनल पैरा सीटींग वालीबॉल टीम में अजय को उप कप्तान की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए हिमाचल को कई मैच जिताए और क्वार्टरफाइनल तक पहुंचाया। चयनकर्ताओं की नज़रों में अपनी कप्तानी की एक नई मिसाल पेश की। अजय ने इस उपलब्धि का सारा श्रेय बड़े भाई नितिन शर्मा, मुख्य कोच ललित ठाकुर,और जीतेश्वर दत्ता के साथ साथ अपने माता-पिता को दिया है।
कई बार राष्ट्रीय स्तर पर दिखा चुके अपने खेल का प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के एक छोटे से क्षेत्र जुम्महार, गांव प्रेहल्ला के रहने वाले अजय शर्मा का जन्म एक छोटे से परिवार में हुआ था। अजय बचपन से ही खेलों में काफी रुचि रखते थे। वह खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी काफी अव्वल रहे। उनका बचपन का सपना भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना था। अजय ने अपनी पढ़ाई दसवीं तक अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर बाट स्कूल से की। उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो चंबा आ गए और राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंबा में 11वीं और 12वीं की पढ़ाई कॉमर्स स्ट्रीम से फर्स्ट डिवीजन से पूरी की। उसके बाद बीकॉम फर्स्ट ईयर पूरा हो चुका था। और सेकंड ईयर अभी स्टार्ट किया था। तब तक अजय U-16 क्रिकेट में 2 नेशनल कैंप लगा चुके थे। और अंडर-19 भी खेल कर आ चुके थे। अजय का अच्छा प्रदर्शन देखते हुए उन्हें सीनियर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट कैंप के लिए भी चयनित कर लिया गया था। कैंप के बाद अजय का अंडर-19 डेज मैच के लिए चयन हो गया उसके बाद ऊना और हमीरपुर में मैच खेल कर चंबा वापस लोटे ही थे।
अजय के साथ हुआ ऐसा हादसा कि बचना था बहुत ही मुश्किल
अजय को 2 अगस्त 2017 को अपनी रेहड़ी को पानी से बचाते हुए 11 हजार केवी का करंट लग गया था । जिस वजह से अजय का बच पाना बहुत मुश्किल था। डॉक्टर की तरफ से साफ मना कर दिया गया था। कि अब इन्हें भगवान ही बचा सकते हैं ।डॉक्टरों का कहना था कि आग अजय बच भी गए तो इनकी टांग काटना पड़ेगी। अजय 10 दिन बाद कोमा से बाहर आए । अजय को कुछ भी पता नही था कि उनके साथ किया हुआ है शरीर में हर जगह घाव ही घाव थे । अजय का शरीर काम नहीं कर रहा था करंट लगने से सारा खून लगभग खत्म हो चुका था। अजय के होश में आने से परिवार ने थोड़ी राहत की सांस ली।
8 ऑपरेशन करवाकर बचाई अजय की टांग
अजय के कोमा से बाहर आने के बाद उनके बड़े भाई नितिन और जीजा नबू शर्मा उनका इलाज करवाने टांडा ले गए । टांडा में अजय का 2 दिन तक इलाज चला । लेकिन वहाँ के डॉक्टरों ने भी अजय की टांग को काटने की बात कही । उनके बड़े भाई नितिन शर्मा ने हार नहीं मानी और उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ ले गए । वहां पर अजय के लगभग 8 ऑपरेशन होने के बाद अजय की टांग बचा ली गई।
अजय के 2 मेजर ऑपरेशन होने बाकी
अजय बताते है कि उनके सभी ऑपरेशन का खर्चा लगभग 15 लाख रुपए हो चुका है। उनके भी ने उनका इलाज करवाने के बैंकों से लोन लिया हुआ है । अजय ने बताया कि अभी तक उनके 2 मेजर ऑपरेशन होने बाकी है। जिनपर लगभग 5 लाख रुपए खर्च होंगे । उसका परिवार सारा पैसा उनके इलाज पर लगा चुके हैं और अब आगे का इलाज करवाने के लिए उनके परिवार के पास पैसा नहीं बचा है । अजय बताते हैं कि डीसी सुदेश मोख्त्ता नगर परिषद चंबा और बिजली बोर्ड की गलती व लापरवाही की वजह से वो इस हादसे का शिकार हुए थे। उनकी वजह से वह जीवन भर के लिए अपाहिज हो गए ।
11 वर्षों की कड़ी मेहनत से पहुंचे इस मुकाम तक
अजय ने बताया कि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और धीरे धीरे अपने पैरों पर चलना शुरू कर दिया। शुरुआत में बहुत सारी परेशानियां, दुख, दर्द, तकलीफें,आई लेकिन उसके बावजूद भी अजय ने हिम्मत नहीं हारी और बड़े भाई के मार्गदर्शन से आगे बढ़ते चले गए। अजय बताते है की उनका यहाँ तक पहुंचना कोई आसान नहीं था। उनको भी जिंदगी में कई चैलेंज आए और उन्होंने उन सभी चैलेंजो का डटकर सामना किया। और लगातार मेंहनत करते रहे। अजय ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उनको 11 वर्ष की कड़ी मेहनत, लगन,और कड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा। अजय अब तक 5 नेशनल क्रिकेट में खेल चुके हैं । कोच नरिंदर धवन और रवि चौहान के मार्गदर्शन से और दो पैरा स्पोर्ट्स में खेल चुके हैं । कोच ललित ठाकुर की मेहनत, प्रयास, और मार्गदर्शन से अजय राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड और सिल्वर मेडल भी हासिल कर चुके है। चाहे वह खेल विभाग की तरफ से प्रतियोगिता हो चाहे वह पैरा स्पोर्ट्स की तरफ से हो, अजय ने हमेशा ही चंबा के लिए खेलों में अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया है।