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13 फरवरी 2023
दिल्ली : केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और फ्यूचर मोबिलिटी पर एक कार्यक्रम में कहा कि 2030 तक भारत में लगभग दो करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन होंगे। उन्होंने कहा कि ई-मोबिलिटी में बहुत बड़ी क्षमता है और इकोलॉजी और पर्यावरण को बचाने के लिए निवेशकों को इस क्षेत्र में आना चाहिए और निवेश करना चाहिए। इससे न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार उत्पन्न करने में मदद मिलेगी । जिसके परिणामस्वरूप अंततः देश का विकास होगा और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
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इलेक्ट्रिक वाहनों से होगा ग्रीन और क्लीन वातावरण
उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण को भी की ओर ध्यान दिया जा रहा है । गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र से 40 प्रतिशत प्रदूषण होता है। उन्होंने इसे खत्म करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों के संचालन वृद्धि पर जोर दिया। ई- वाहनों के चलने से देश में ग्रीन और क्लीन वातावरण का निर्माण होगा ।
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राज्य सरकारों को बनानी होगी नीति
गडकरी ने दावा किया कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर फोकस बढ़ने और इस सेगमेंट में ग्रोथ से भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा । उन्होंने कहा कि ईंधन का आयात भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। पेट्रोल और डीजल के आयात के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का लगभग 16 लाख करोड़ रुपये देश से बाहर चला जाता है। भारत अपनी कुल जीवाश्म ईंधन आवश्यकता का 80 प्रतिशत से अधिक विदेशी तेल उत्पादकों से आयात करता है, जिसके परिणामस्वरूप देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा खर्च करता है।
गडकरी का मानना है कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के विकास से अंततः इस आयात लागत में काफी कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक नीति तैयार करनी चाहिए, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा।