AISHE की रिपोर्ट में खुलासा, हिमाचल में हायर एजुकेशन लेने में लड़कियां लड़कों से आगे

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the news warrior 

13 फरवरी 2023

 

 

शिमला : हिमाचल प्रदेश में हायर एजुकेशन लेने में लड़कों की तुलना में लड़कियां काफी आगे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी ताजा ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (AISHE) 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में लड़कों का ग्रास एनरोलमेंट रेशो (GER) 33% प्रतिशत है, जबकि लड़कियों का 44.7% है, यानी वे लड़कों से 11.2 फीसदी अधिक है।

 

यह रेशो दर्शाता है कि हिमाचल में 12वीं कक्षा की पढ़ाई के बाद अधिक संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक  लड़कियां पहुंच रही हैं जबकि लड़के कम संख्या में 12वीं के बाद पढ़ाई कर रहे हैं । अच्छी बात यह है कि देश की तुलना में हिमाचल प्रदेश का ग्रास एनरोलमेंट रेशो काफी अच्छा है। देश में ग्रास एनरोलमेंट रेशो औसत 27.3% है, जबकि हिमाचल में यह 38.7% है, यानी राष्ट्रीय औसत से हिमाचल में 11.4 फीसदी ज्यादा बच्चे हायर एजुकेशन हासिल कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में 18 से 23 साल के 62% फीसदी बच्चे उच्छ शिक्षा नहीं ले रहे हैं।

 

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लड़कियों की ग्रास एनरोलमेंट रेशो में छठे स्थान पर

देश में औसत ग्रास एनरोलमेंट रेशो में हिमाचल प्रदेश 8वें स्थान पर है। 66.1% ग्रास एनरोलमेंट रेशो के साथ चंडीगढ़ देश में पहले स्थान पर हैं। इस क्रम में  पुंडुचेरी , दिल्ली , तमिलनाडू , उत्तराखंड, केरला , तेलंगाना, हिमाचल राज्यों का ग्रास एनरोलमेंट रेशो है ।

वहीं लड़कियों की ग्रास एनरोलमेंट रेशो में हिमाचल प्रदेश देश में छठे पायदान पर है। लड़कियों की ग्रास एनरोलमेंट रेशो में सबसे टॉप पर 77% के साथ चंडीगढ़ है उसके बाद केरला , दिल्ली , तमिलनाडू , उत्तराखंड राज्य हैं ।

 

 

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हिमाचल में परीक्षाओं में छात्राएँ रहती हैं टॉप पर

हिमाचल के हायर एजुकेशन इन्स्टीट्यूशन में कुल 2.89 लाख स्टूडेंट पंजीकृत हैं। इनमें 1.32 लाख लड़के और 1.57 लाख लड़कियां हैं। प्रदेश में कुल 454 हायर एजुकेशन इन्स्टीट्यूशन हैं। इनमें 27 यूनिवर्सिटी, 344 कॉलेज और 83 अन्य उच्च शिक्षण संस्थान हैं।

हिमाचल प्रदेश में 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन परीक्षाओं में ज्यादातर छात्राएं ही टॉप-10 रहती हैं। प्रदेश में बीते एक दशक से भी अधिक समय से CBSE हो या ICSE बोर्ड की परीक्षाओं में लड़कियों का ज्यादा बोलबाला रहता है। यह दर्शाता है कि राज्य में छात्राएं पढ़ाई को लेकर ज्यादा जागरूक हैं।

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