यूनिवर्सिटी की लापरवाही से सरकार की किरकिरी
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ !
हाईकोर्ट से 14 अगस्त को ही परीक्षाओं को रद्द करने के आ गए थे आदेश !
शिक्षा मंत्री की भी करवाई फजीहत
पढ़ें क्या है मामला
The News Warrior -: Shimla
सोमवार को हिमाचल प्रेदश यूनिवर्सिटी शिमला की बड़ी लापरवाही की वजह से पूरा दिन अफरातफरी का माहोल बना रहा I मामला एक दम से सुर्ख़ियों में तब आया जब सोमवार को यूनिवर्सिटी की तरफ से यूजी अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा था I छात्र परीक्षा हाल में परीक्षाएं देने बैठ गए थे तभी एक खबर आती है,कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने यूजी की अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है I उसके बात पूरे प्रदेश में परीक्षाओं के ररद होने को लेकर बबाल मच गया I स्थिति को देखते हुए सरकार हरकत में आई और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने बयान जारी किया कि परीक्षाएं जारी रहेंगी और हाईकोर्ट में रिव्यू याचिका डाली जाएगी Iशिक्षा मत्रीं के इस ब्यान से स्थिति और भी असमंजस वाली हो गई छात्रों सहित कॉलेज स्टाफ़ को समझ नहीं रहा था कि आखिर हाईकोर्ट के आदेशों को माने या शिक्षा मंत्रीं के ब्यान को I काफी फजीहत होने के बाद देर रात यूनिवर्सिटी की तरफ से परीक्षा नियंत्रक
डॉ.जे.एस नेगी की तरफ से एक प्रेस नोट जारी होता है जिसमें 18 अगस्त की परीक्षाओं को स्थिगत करने का आदेश जारी किया जाता हैI मजे की बात यह है कि इस प्रेस नोट से यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली की पोल भी खुल गई क्योंकि इसमें लिखा गया था कि हाईकोर्ट के 14 अगस्त के आदेशनुसार 18 अगस्त की परीक्षा रद्द की जा रही है Iइस प्रेस नोट से स्पष्ट हो रहा है कि यूनिवर्सिटीप्रशासन की तरफ से कितनी बड़ी चुक हुई जिससे पूरा दिन मोहाल में गरमागरमी बनी रही I
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का प्रेस नोट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिकाकर्ता यासीम भट्ट ने कोरोना महामारी में परीक्षाओं पर रोक लगाने के लिए जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सीवी बरोबालिया की खंडपीठ में याचिका दायर की थी I
जिस पर 14 अगस्त को यूजी अंतिम वर्ष की परीक्षाओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई थी परन्तु उसके बाद भी यूनिवर्सिटी की तरफ से सोमवार को परीक्षा का आयोजन कर दिया गया I अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को रखी गई है I गोरतलब है कि परीक्षाओं को करवाने को लेकर यूजीसी की तरफ से दायर याचिका पर माननीय सुप्रीम कोर्ट में 18 अगस्त को सुनवाई है I
14 अगस्त के हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी
इस पुरे मामले की पड़ताल से यही जाहिर होता है,कि यूनिवर्सिटी की बड़ी लापरवाही से छात्रों और स्टाफ़ को तो परेशानी उठानी पड़ी बल्कि 14 अगस्त के हाईकोर्ट के आदेशों की सीधे तौर पर अवहेलना भी की गई I यहाँ तक प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भी अँधेरे में रखा गया I अब परीक्षाओं को लेकर सबकी निगाहें कोर्ट की अगली सुनवाई पर लगी हुई हैं I