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2 अक्तूबर 2023
बिलासपुर : सदर विधायक त्रिलोक जमवाल ने जिला परिषद काडर के कर्मचारियों की हड़ताल तथा कोरोनाकाल में नियुक्त आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हर वर्ग से झूठे वादे कर सत्ता हासिल की है।
सरकार के ढुलमुल रवैये से नहीं हो पा रहे काम
चुनाव से पहले सीएम सुक्खू सहित कई नेताओं ने जिला परिषद काडर के कर्मचारियों से कांग्रेस की सरकार बनते ही उनकी मांगें पूरी करने का वादा किया था लेकिन सरकार को बने 10 माह बीतने वाले हैं अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है । सरकार के ढुलमुल रवैये की वजह से एक तरफ लोगों के कई तरह के काम नहीं हो पा रहे हैं, वहीं 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं का आयोजन भी नहीं हो पाया। वहीं कोरोनाकाल के दौरान अपनी जान हथेली पर रख सेवाएं देने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को भी घर भेज दिया गया है।
1800 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएँ खत्म
जमवाल ने कहा कि सत्ता में आते ही कांग्रेस एक के बाद एक जनविरोधी फैसले ले रही है। कोरोनाकाल में 1800 से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी नियुक्त किए गए थे इन कर्मचारियों ने दिन-रात सेवाएं दीं। पहले तो उन्हें पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिल पाया और अब सरकार ने उनकी सेवाएं ही खत्म कर दी हैं।
पेन डाउन स्ट्राइक पर जिला परिषद काडर के कर्मचारी
इसी तरह जिला परिषद काडर के कर्मचारी पिछले 20 से अधिक वर्षों से ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को सेवाएं दे रहे हैं। इनमें पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, जेई और सेवादार जैसे कर्मचारी शामिल हैं। सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने तथा निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने के साथ ही विकास कार्यों में भी वे अहम भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग में विलय की मांग कर रहे यह कर्मचारी पिछले 3 दिनों से पेन डाउन स्ट्राइक कर रहे हैं।
सरकार वादा नहीं कर पाई पूरा
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि चुनाव से पहले मौजूदा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री समेत कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने इन कर्मचारियों से वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनते ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में उनकी मांग पूरी की जाएगी। कांग्रेस को सत्ता में आए 10 माह बीत चुके हैं। इस दौरान मंत्रिमंडल की कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन सरकार का वादा पूरा नहीं हो पाया है।
लोगों के काम लटके अधर में
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लोगों के प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, पेंशन व परिवार विभाजन जैसे कई काम अधर में लटक गए हैं। 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में अगले वित्त वर्ष की कार्य योजना तैयार करने के साथ ही आपदा से संबंधित कार्यों की समीक्षा भी की जानी थी, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कोई भी काम नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा अगर सरकार अपना वादा पूरा करे ।