अब बाढ़ और बारिश से नहीं होगा नुकसान, दो घंटे पहले लग जाएगा पता, पढ़े खबर

The News Warrior
0 0
Spread the love
Read Time:4 Minute, 7 Second

THE NEWS WARRIOR 
11 /04 /2022

कुल्लू जिला में अब भारी बारिश व बाढ़, जानी नुकसान नहीं कर पाएगी

दो किलोमीटर के एरिया में दो घंटे पहले लग जाएगा बारिश व बाढ़ का पता 

नेशनल हिमालयन प्रोजेक्ट के तहत लगेगा यह सिस्टम

सीएसआइआर को नेशनल हिमालयन प्रोजेक्ट में पर्यावरण संरक्षण के तहत कुल्लू जिले का चयन 

कुल्लू:-

कुल्लू जिला में अब भारी बारिश व बाढ़ जानी नुकसान नहीं कर पाएगी। बारिश व बाढ़ का पता दो किलोमीटर के एरिया में दो घंटे पहले लग जाएगा। इसके लिए जिला में गोविंद वल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लर्निंग सिस्टम लगाने जा रहा है। नेशनल हिमालयन प्रोजेक्ट के तहत यह सिस्टम लगेगा। सीएसआइआर 4 पीआइ संस्थान बेंगलुरू के सहयोग से यह सिस्टम तैयार करेगा। सीएसआइआर को नेशनल हिमालयन प्रोजेक्ट में पर्यावरण संरक्षण के तहत उन्होंने कुल्लू जिले का चयन किया है। हालांकि उनके पास मौजूद सिस्टम 25 किलोमीटर के दायरे की मौसम के हालत की सूचना देता है, लेकिन कुल्लू में हुए अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार दो किलोमीटर के क्षेत्र में सूचना देने पर सहमति बनी।

सीएसआइआर 4पीआइ बेंगलुरू इसे करेगा तैयार 

अब सीएसआइआर 4पीआइ बेंगलुरू इसे तैयार करेगा। इसके लिए जीवी पंत संस्थान मौहल ने जिला के पार्वती वैली, मनाली व आस पास के इलाकों में बाढ़, तूफान व बारिश से हुए नुकसान का 20 साल का डाटा सीएसआइआर को दिया है। इसके आधार पर वो यह सिस्टम तैयार करेंगे। इसे सेटेलाइट से भी जोड़ा जाएगा। आगामी एक वर्ष में इस सिस्टम को कुल्लू में लगाने की योजना है।

उपकरण पार्वती वैली, मनाली, ब्यास नदी के किनारे और संस्थान में लगेंगे

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लर्निंग सिस्टम के बनने के बाद इससे संबंधित उपकरण पार्वती वैली, मनाली, ब्यास नदी के किनारे और संस्थान में लगेंगे। इसमें प्राइमरी और सेकेंडरी डाटा सहित सेटेलाइट के जरिए रीङ्क्षडग की जाएगी कि अधिक बारिश या बाढ़ की संभावना तो नहीं है। हर दो किलोमीटर के तहत जानकारी मिलेगी। सूचना मिलते ही संबंधित क्षेत्र के लोगों को अलर्ट किया जाएगा।

बारिश, बाढ़ आदि की जानकारी हर दो किलोमीटर के क्षेत्र में पहले मिल जाएगी

जीवी पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान मौहल के केंद्र प्रभारी डा. राकेश सिंह ने कहा संस्थान सीएसआइआर 4पीआइ बेंगलुरू आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लर्निंग सिस्टम तैयार करवा रहा है। इसे कुल्लू जिला के विभिन्न स्थानों पर लगाया जाएगा। इससे बारिश, बाढ़ आदि की जानकारी हर दो किलोमीटर के क्षेत्र में पहले मिल जाएगी।

 

यह भी पढ़े :-

घुमारवीं ग्रीष्मोत्सव: कहलूर क्वीन प्रतियोगिता का खिताब सरोज के नाम

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अब आधे घंटे में मिलेगी मलेरिया की जांच रिपोर्ट, रैपिड किट से घर-द्वार मिलेगी सुविधा

Spread the love THE NEWS WARRIOR 11/04/2022 प्रदेश में मलेरिया का टेस्ट होगा अब रैपिड किट से-स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर द्वार पर मेलेगी सुविधा 30 मिनट बाद मिल जाएगी रिपोर्ट सोलन:- मलेरिया की जांच के बाद अब मरीजों को रिपोर्ट के लिए न तो 72 घंटे तक इंतजार […]

You May Like