THE NEWS WARRIOR
09 /03 /2022
सड़कों पर उतरे सड़कों पर आउटसोर्स कर्मचारी
बजट में कर्मचारियों के हाथ लगी निराशा
आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से की जा रही हैं मांग
शिमला:-
हिमाचल प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारी स्थायी नीति बनाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं। शिमला में आज आउटसोर्स कर्मचारियों ने पंचायत भवन से चौड़ा मैदान तक रैली निकाली। प्रदर्शनकारी बैरिकेड हटाने का भी प्रयास कर रहे हैं। प्रदर्शन के लिए सैकड़ों की तादाद में कर्मचारी शिमला पहुंचे हैं। मजदूर संगठन सीटू ने भी आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल को समर्थन दिया है। बीते साल जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी का गठन भी किया गया था और आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर रिपोर्ट देने को बोला गया था , लेकिन कर्मचारियों के हाथ निराशा ही लगी।
पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास कर किया
आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अनुसार कैबिनेट सब कमेटी ने बीते फरवरी महीने में ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपी थी। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी का एलान करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बजट में मौयुसी हाथ लगने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराब करना चाहा परन्तु पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास कर किया।
आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न विभागों में दे रहे हैं अपनी सेवाए
बजट में सभी कर्मचारियों को सैलरी स्लिप देने की बात कही गई हैं, साथ ही न्यूनतम वेतन 10,500 करने की घोषणा भी की गई हैं । बिजली बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं। संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा और महासचिव अवधेश सरोच ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने इस दिशा में कोई फैसला नहीं लिया हैं ।
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