भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा गुडींचा मंदिर के पास रुकती है । गुंडींचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर कहा जाता है । यहां रथ सात दिनों तक ठहरता है । इसके बाद आषाढ़ शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को रथों को मुख्य मंदिर की ओर फिर से ले जाया जाता है और मंदिर के ठीक सामने लगाया जाता है । हालांकि इस दौरान प्रतिमाओं को रथ से निकाला नहीं जाता है ।