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3 फरवरी 2023
शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को रिज मैदान शिमला से परिवहन विभाग के इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस का उद्देश्य ग्रीन मोेबिलिटी अभियान के तहत व पर्यावरण संरक्षण और प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देना है ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से परिवहन विभाग पूर्ण रूप से विद्युत वाहन उपयोग करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बन गया है । जो कि व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के बाद अब राज्य सरकार अन्य विभागों की परंपरागत ईंधन वाहनों को भी एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनोें के साथ प्रतिस्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न विभागों के खर्चों में काफी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हिमाचल प्रदेश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जाए। प्रदेश सरकार वर्ष 2025 तक प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की दिशा में अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।
HRTC को 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही ‘परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-नादौन-देहरा’ परिवहन लाइन को क्लीन एंड ग्रीन कोरिडोर बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि रामपुर-शिमला कोरिडोर में भी अधिकांश ई-बसों का संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला लोकल डिपो को पूर्णतः इलेक्ट्रिक बस डिपो बनाया जाएगा तथा नादौन में नया इलेक्ट्रिक बस डिपो खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि दो साल में हिमाचल पथ परिवहन निगम को 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें प्रदान कर दी जाएंगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर टोकन टैक्स में भी छूट
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए अगले वित्त वर्ष में हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में 300 नई ई-बसें शामिल करेगी।उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में चरणबद्ध तरीके से और अधिक ई-बसें शामिल की जाएंगी। परंपरागत ईंधन वाले वाहनों से उड़ने वाला धुआं वायु प्रदूषण का मुख्य कारक है, इसलिए देश में अब इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता महसूस की जाने लगी है । भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की अनिवार्यता और अपरिहार्यता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 अधिसूचित की है। इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को परिवहन साधन के रूप में अपनाने को बढ़ावा देकर पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है ।
हिमाचल को इलेक्ट्रिक परिवहन व इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के हब के रूप में विकसित करना है। इसके साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रदेश भर में सरकारी एवं निजी क्षेत्र में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना तथा प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण उद्योगों को स्थापित करने के लिए उद्यमियों को सबसिडी तथा अन्य प्रोत्साहन देना भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को प्रोत्साहन देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर टोकन टैक्स में भी छूट दी गई है।
सरकार की ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज यहां ऐतिहासिक रिज मैदान में परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक वाहन प्रदान कर एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल की है। उन्होंने मुख्यमंत्री का इन वाहनों को खरीदने के लिए समुचित धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस नई पहल से जहां पैसे की बचत होगी, वहीं पर्यावरण तथा प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए भी एक सार्थक कदम है, जो वर्तमान सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है।
प्रधान सचिव, परिवहन आर. डी. नजीम , निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने मुख्यमंत्री स्वागत किया तथा परिवहन विभाग के इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाने के लिए उनका आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, आशीष बुटेल, रामकुमार चौधरी तथा किशोरी लाल, विधायक विनय कुमार, नंद लाल, इन्द्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, हरीश जनारथा, मलेंदर राजन तथा सुदर्शन बबलू और पूर्व मंत्री आशा कुमारी उपस्थित रहे ।