आखिर शिक्षा विभाग में होने वाली भर्तियां स्थाई क्यों नहीं होती प्री प्राईमरी स्कूलों में होने वाली भर्ती में भी खामियां
डेस्क 22 जनवरी
The News Warrior
प्री प्राईमरी स्कूलों में अगले सत्र से पहले भर्तियों की तैयारी चल रही है । मीडिया के हवाले से अभी तक जो खबर आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि यह भर्तियां आउट सोर्स के आधार पर की जाएगी इसमें 70% एनटीटी (NTT) और 30 % आंगनवाड़ी वर्कर को रखने की व्यवस्था की जा रही है
आखिर शिक्षा विभाग में होने वाली भर्तियां स्थाई क्यों नहीं होती । देश के लिए भविष्य की पौध तैयार करने वाले आंदोलन करने पर क्यों मजबूर किया जाता है
सिर्फ स्थाई भर्तियां ही नहीं है आप पेंशन, वेतन विसंगतियां ले लीजिए देश का भविष्य तलाशने वाले अपने भविष्य की चिंता को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
एक तरफ कहा जा रहा है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी ऐतिहासिक है इसमें प्री नर्सरी लेवल से ही ऐसी शिक्षा दी जाएगी जिससे बच्चों का बेस मजबूत हो दूसरी तरफ जिनके ऊपर बेस मजबूत करने की जिम्मेवारी है उनकी अपनी नौकरी का ही बेस नहीं फिर वह आधे मन से क्या पढ़ाएंगे ।।
#खामियां
*जब सरकार के पास NTT ट्रेंड टीचर हैं जो 20 साल से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं तो यह 30% आंगनवाड़ी जो पहले से ही रोजगार लिए हुए हैं इस पॉलिसी में उनको घुसाना कहां तक समझदारी का निर्णय है ?
* आउट सोर्स की बजाए स्थाई नीति क्यों नहीं बन रही है ?
*पढ़ने के लिए तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती ऐसा कहा जाता है परंतु इस भर्ती में अधिकतम आयु 35 वर्ष ही क्यों रखी है ?
*भर्ती में आर एंड पी रूल क्यों नहीं बनाए जा रहे ?
*जब हिमाचल में एनटीटी 1 वर्ष की होती है तो इसमें 2 वर्ष की शर्त क्यों लगाई गई है ?
*जिनके ऊपर बच्चों के भविष्य की आशाएं टिकी है उनके सुरक्षित भविष्य की गारंटी क्यों नहीं है ?