THE NEWS WARRIOR
01 /03 /2022
भाखड़ा बाँध बनने से जलममग्न हुए बिलासपुर में प्राचीन रंगनाथ मंदिर
अलग शैली में बने यह मंदिर पुरे उत्तर भारत में सबसे विशिष्ट थे
मंदिरों में सबसे पुराना रंगनाथ मंदिर शिव को समर्पित
लोक गायकों, कवियों और साहित्यकारों की रचनाओं तक ही सीमित
बिलासपुर:-
1960 में भाखड़ा बाँध बनने से जलममग्न हुए बिलासपुर में प्राचीन रंगनाथ मंदिर, गोपाल मंदिर, मुरली मनोहर मंदिर, बाह का ठाकुरद्वारा, खनमुखेश्वर, रघुनाथ मंदिर और रंग महल पूरी तरह से जलमग्न हो गए । अपनी अलग शैली में बने यह मंदिर पुरे उत्तर भारत में सबसे विशिष्ट थे
मंदिरों में सबसे पुराना रंगनाथ मंदिर
इन मंदिरों में सबसे पुराना रंगनाथ मंदिर शिव को समर्पित था।रंगनाथ मद्रास (तमिलनाडु) में श्रीरंगम देवता के नाम से विष्णु कहे गए हैं पर बिलासपुर के रंगनाथ महादेव हैं
प्रतिहार शैली की झलक
9वीं शताब्दी में बने रंगनाथ महादेव के मंदिर को महाराजा एलदेव ने बनवाया था। इसके आधार पर प्रतिहार शैली की झलक थी। हालांकि इसके परिसर में कई लघु मंदिर भी थे।लोगों के अनुसार, जब बारिश के लिए इस शिव मंदिर स्थित शिव लिंग पर जलधारा डालते थे और वह सतलुज नदी में मिलती थी तो एकाएक बारिश शुरू हो जाती थी। यह एक पुरानी मान्यता थी ।
लोक गायकों, कवियों और साहित्यकारों की रचनाओं तक ही सीमित
सतलुज की गहराईयों में डूबने से पहले शिव पार्वती नंदी की मूर्तियां नए शहर के रंगनाथ मंदिर में रख दी गयी हैं। आज भी पुराने मंदिरों के अवशेष हर साल जल समाधि लेते हैं और पानी उतरने पर फिर बाहर आते हैंअब इन मंदिरों की कहानियां लोक गायकों, कवियों और साहित्यकारों की रचनाओं तक ही सीमित रह गई हैं।