THE NEWS WARRIOR
29 /10 /2022
नए दलाई लामा की नियुक्ति में दखलअंदाजी चाहता है चीन
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पहले मंजनू के टिल्ला से पकड़ी गई चीनी जासूस काई रूओ और फिर हिमाचल के चौंतड़ा से गिरफ्तार गुआन रुईली एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों की पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं। दरअसल, दोनों महिला जासूसों के टारगेट पर भारत में रहने वाले निर्वासित तिब्बती थे। चीन नए दलाई लामा की नियुक्ति में खुद की दखलअंदाजी चाहता है।
जासूसों से पूछताछ में चीन का मकसद सामने आया है। चीन चाहता है कि अगला दलाई लामा या तो चीन का हो या फिर प्रो चाइना हो। इससे साफ संदेश जा रहा है कि दोनों चीनी जासूस बड़े षड्यंत्र के तहत भारत आई थीं।
काई रूओ लंबे वक्त तक रही धर्मशाला में
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि दिल्ली से गिरफ्तार चीनी मूल की काई रूओ भी हिमाचल के धर्मशाला में लंबे वक्त तक रही थी। हालांकि इस चीनी जासूस ने दावा किया है कि वह बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने भारत आई थी। जासूस दिल्ली होते हुए काठमांडू जाने की फिराक में थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इसे मंजनू के टिल्ला से गिरफ्तार कर मंसूबों पर पानी फेर दिया।
मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे
महिला के दोनों मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। चीनी महिला काई रूओ के पासपोर्ट नंबर E87857750 से इंडिया में ट्रैवल हिस्ट्री चेक कराई गई। दिल्ली स्थित विदेशी पंजीकरण ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार पासपोर्ट नंबर E87857750 काई रूओ पुत्री कार मिंगुआंग निवासी हैनान, चाइना के नाम जारी है और यह चीनी पासपोर्ट है।
इस पासपोर्ट पर काई रुओ इंडियन वीजा पर 16 नवंबर 2019 को भारत आई थी। जिसके बाद 25 जनवरी 2020 को वह रानीगंज बॉर्डर से नेपाल चली गई थी।
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