हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुमित शर्मा अपनी कमाई के 80 फीसदी हिस्से चला रहे संस्था कर रहे ट्यूबरक्लोसिस ,कैंसर का ईलाज
THE NEWS WARRIOR
शिमला
मिशन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड कैंसर (MATAC) संस्था पिछले 5 सालों से समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। MATAC संस्था की स्थापना 10 अगस्त 2017 हिमाचल प्रदेश सोसाइटीज एक्ट 2006 के अंतर्गत हुई थी। 10 लोगों ने एक संकल्प लिया कि बीमार समाज को स्वस्थ करना है, विभिन्न बीमारियों से ग्रसित दीन-हीन की निस्वार्थ और निशुल्क सेवा करनी है। MATAC हिमाचल की पहली ऐसी समाजसेवी संस्था है जिसने अब तक किसी तरह की डोनेशन नहीं ली है । संस्था के चैयरमेन सुमित शर्मा जोकि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं, अपनी कमाई के 80 फीसदी हिस्से से संस्था के कार्य चलाते हैं ।
संस्था सभी तरह के मरीजों को अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाने से लेकर दाखिल करवाने तक सभी तरह के कार्य करती है । संस्था दवाइयां और डॉक्टरी परामर्श भी निशुल्क प्रदान करती है । MATAC संस्था डॉक्टरों की मदद से अब तक हजारों मरीजों का इलाज मुफ्त करवा चुकी है । संस्था अब तक कई रक्तदान शिविरों का आयोजन कर चुकी है । लॉकडाउन के दौरान समरहिल में आईजीएमसी के सहयोग से आयोजित रक्तदान शिविर में रिकार्ड 67 यूनिट रक्त एकत्रित किया था । संस्था इसके अलावा अंगदान के लिए कई लोगों को प्रेरित कर चुकी है । बहुत से लोगों ने अंगदान के लिए पीजीआई चंडीगढ़ और आईजीएमसी,शिमला में खुद को रजिस्टर्ड करवाया है ।
कोरोना महामारी के इस संकट में संस्था ने 28 मार्च 2020 से पूरे लॉकडाउन के दौरान 2800 गरीब और जरूरतमंत परिवारों को राशन वितरित किया । इसके अलावा दूध-सब्जियां, पैकड फूड भी घर-घर जाकर दिया । इस दौरान 8 हजार फेस मास्क (रेडी मेड और हेंड मेड), हैंड सेनिटाइजर, गल्बज जरूरतमंदो को दिए । इसके अलावा शिमला और इसके साथ लगते क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन का कार्य भी किया । लॉकडाउन के दौरान समरहिल से लेकर लोकल बस स्टेंड स्थित गुरूद्वारे तक सड़क पर तैनात पुलिसकर्मियों को चाय और बिस्किट बांटने का कार्य किया ।
कोरोना की इस दूसरी लहर में भी संस्था मार्च 2021 से जरूरतमंदों की मदद करने में जुट गई है । अब तक होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड के 34 मरीजों को ऑक्सीजन कन्सट्रेटर व सिलेंडर निशुल्क मुहैया करवा चुकी है । संस्था के पास इस समय 8 ऑक्सीजन कन्सट्रेटर हैं, जो शिमला में 14 से 17 दिनों तक मुफ्त में मरीजों को मुहैया करवाए जा रहे हैं ।
संस्था कुछ ज्वलंत मुद्दों की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहती है। जरूतमंद मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा है, हर रोज कई लोगों की फोन कॉल्स मदद के लिए आती हैं. विवश्ता ये है कि सीमित साधनों के चलते कई बार मरीजों की मदद कर पाने में लाचारी महसूस होती है । संस्था चाहती है कि कोरोना की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अभी से कुछ जरूर कदम उठाए जाएं । सरकार हमारी निम्नलिखित मांगो पर ध्यान दे ताकि सरकार का भी थोड़ा बोझ कम हो सके और संस्था अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचा पाए-
- शिमला में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफिलिंग की सुविधा मुफ्त दी जाए ।
- कोविड के जिन मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाता है, उन्हें अपने घर पहुंचने तक ऑक्सीजन मुफ्त उपलब्ध करवाई जाए और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य जांच भी की जाए ।
- ऑक्सीजनयुक्त एंबूलेंस सिस्टम को सृद्ढ़ किया जाए ।
- एंबूलेंस के लिए जारी 108 सर्विस को मजबूत किया जाए । मरीजों की कई बार शिकायत आ चुकी है कि 108 वाले मरीज को ले जाने के लिए आनाकानी करते हैं. बहुत बार ये भी पाया गया है कि फोन ही नहीं मिलता है ।
- आयुर्वेदिक अस्पताल,छोटा शिमला में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जाए और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए । अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर व स्टाफ के मरीजों के प्रति व्यवहार को लेकर जो शिकायतें आई हैं, उन्हें दूर किया जाए. अधिकतर मरीजों की शिकायत है कि स्टाफ का व्यवहार अच्छा नहीं है ।
- शिमला समेत प्रदेश के अन्य जिलों में बनाए गए कोविड केयर सेंटर्स और अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में ऑडियो एनेबल्ड सीसीटीवी(Audio enabled CCTV) कैमरा लगवाए जाएं ।
- कोविड मरीजों और उनके परिवार वालों की मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखा जाए, इसके लिए डेडिकेटिड कॉउंसलर्स की नियुक्ती की जाए ।
- आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन सिलेंडरों को लाने और ले जाने के लिए स्थायी वॉर्ड बॉय की नियुक्ति की जाए ।
- बाहरी राज्यों के लिए रैफर किए गए कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजनयुक्त एंबूलेंस की सुविधा मुहैया करवाई जाए ।
- कोरोना ड्यूटी दे रहे डॉक्टर्स और हेल्थ स्टाफ का क्वारंटीन पीरियड बहाल किया जाए ।
संस्था ये भी जानकारी देना चाहती है कि शिमला जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रेक्टिस कर रहे वकीलों के लिए बार एसोसिएशन को एक ऑक्सीजन कन्सट्रेंटर भेंट कर रही है ।
इस मौके पर संस्था के चेयरमैन अधिवक्ता सुमित शर्मा, शिमला जिला एवं सत्र बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता राजीव सरकैक, हिमाचल प्रदेश बार कॉउंसिल के सदस्य अधिवक्ता अजय शर्मा, अधिवक्ता संजय पराशर, अधिवक्ता हरीश कश्यप भी मौजूद रहे.