THE NEWS WARRIOR
21 /12 /2022
बरमाणा में ACC और सोलन जिला के दाड़लाघाट के अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद हुए आज 7 दिन हो गए
हिमाचल:
हिमाचल में बिलासपुर के बरमाणा में ACC और सोलन जिला के दाड़लाघाट के अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद हुए आज 7 दिन हो गए हैं। विवाद को सुलझाने के लिए आज सोलन में जिला प्रशासन, कंपनी प्रबंधकों और ट्रक ऑपरेटर्स की अहम बैठक हो रही है। यह पिछले 7 दिन में तीसरी बैठक होगी। अब से पहले हुई 2 बैठकें बेनतीजा रहीं।
सोलन में DC सोलन कृतिका कुलहरी ने प्रशासन के अधिकारियों, ट्रक ऑपरेटर्स और कंपनी के अधिकारियों को बैठक के लिए बुलाया है। मालभाड़े को लेकर उठे विवाद के बाद अडानी ग्रुप ने ACC और अंबुजा सीमेंट प्लांट्स बंद कर दिए। प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को इस विवाद को हल करने का जिम्मा दिया है।
अदानी ग्रुप के चेयरपर्सन ने व्यक्त की प्रतिक्रिया
वहीं इस मामले में अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी का कहना है कि हमें बहुत खेद है कि हिमाचल प्रदेश की ट्रक यूनियनों के अड़ियल रवैये के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर प्रदेश है और बेहतर विकास का हकदार है। क्षेत्र के लोग सीमेंट के बेहतर दाम के हकदार हैं, लेकिन यह ट्रांसपोर्ट यूनियनों के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। उच्च परिवहन लागत के कारण पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल के लोगों के लिए सीमेंट की कीमत बहुत अधिक है।
गौतम अडानी ने कहा कि बरमाना और दाड़लाघाट सीमेंट प्लांट पिछले लंबे समय से हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं और इन संयंत्रों ने स्थानीय लोगों की आर्थिक समृद्धि और राज्य के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दोनों कंपनियां राज्य में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर सबसे बड़ी रोजगार प्रदाता कंपनियों में से हैं। हालांकि, परिवहन से संबधित विभिन्न अक्षमताओं के कारण समूह के 2 सीमेंट संयंत्र अव्यावहारिक हो गए हैं।
गौतम अडानी के अनुसार, इससे भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि स्थानीय परिवहन संघ अन्य ट्रांसपोर्टरों को प्रतिस्पर्धी दरों पर काम करने की अनुमति नहीं देते हैं। यह मुक्त बाजार की भावना के खिलाफ है। वाहन के आकार, वहन क्षमता आदि के अनुसार माल भाड़े की दरों के लिए खुली निविदा प्रक्रिया होनी चाहिए। ऐसे मामले सभी हितधारकों के सामने आने वाले मुद्दों को समझकर ही सुलझाए जा सकते हैं, न कि एक-दूसरे पर दोषारोपण करके।
सरकारी रेट का रखा जा सकता है प्रस्ताव
अडानी ग्रुप और ट्रक ऑपरेटर्स में माल-भाड़े को लेकर विवाद चल रहा है। सीमेंट व क्लींकर की ढुलाई का मौजूदा रेट 10.58 रुपए प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर है, जबकि कंपनी इस रेट को 6 रुपए करने को कह रही है। कंपनी का कहना है कि मौजूदा रेट से नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस बात पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पा रही। बताया जा रहा है कि बुधवार को होने वाली बैठक में सरकारी रेट यानी 9.06 रुपए प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर का भी प्रस्ताव आ सकता है, लेकिन लगता नहीं ट्रक आपरेटर इस रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार हो, क्योंकि वे 1 अप्रैल 2019 से देय माल भाड़े की बढोतरी पर अड़े हुए हैं।
22 को होगी ट्रक ऑपरेटर्स की बैठक
मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार को होने वाली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला तो अंबुजा सीमेंट उद्योग में कार्यरत 8 ट्रक ऑपरेटर्स सोसायटियों की 22 दिसंबर को संयुक्त बैठक होगी। इसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जा सकती है। ACC सीमेंट प्लांट बरमाणा बिलासपुर में कार्यरत ट्रक ऑपरेटर्स प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अभी दाड़लाघाट में एक ही दिन प्रदर्शन हुआ।
नतीजा नहीं निकला तो लोगों के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन
बाघल लैंड लूजर्स ट्रक ऑपरेटर सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा का कहना है कि माल ढुलाई मौजूदा रेट पर ही होगी। बाहर के ट्रकों से माल ढुलाई करने की कंपनी की मंशा पूरी नहीं होने दी जाएगी। ऐसा आपरेटर होने नहीं देंगे। ट्रक आपरेटर शांति से 21 दिसंबर को होने वाली बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। यदि नतीजा नहीं निकला तो ट्रक ऑपरेटर लोगों के साथ मिलकर आंदोलन की रुपरेखा तैयार करेंगे।
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