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16 /12 /2022
सरकार कंपनी और ट्रांसपोर्ट यूनियन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी
हिमाचल
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट फैक्ट्रियां बंद होने के घमासान में राज्य की कांग्रेस सरकार भी कूद गई है। 22 से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले राज्य सरकार सीमेंट प्लांट पर उपजे विवाद को सुलझाने में जुट गई है। सरकार कंपनी और ट्रांसपोर्ट यूनियन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी। अगर कंपनी का अड़ियल रवैया रहा तो उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा
विवाद को सुलझाने के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के मुखियों की मीटिंग हुई। जो करीब 1 घंटे तक चली। बैठक में उद्योग विभाग के निदेशक, राज्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक, परिवहन विभाग के निदेशक सहित कई आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। इसमें सभी संबंधित अधिकारियों को सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के साथ मिलकर इस विवाद को सुलझाने को कहा गया है।
मुख्य सचिव इस मुद्दे सीएम से भी फोन पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू अभी राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं। सीएम से बात करने के बाद मुख्य सचिव इस बारे में शाम तक बड़ा फैसला ले सकते हैं। इस मामले में सीमेंट कंपनियों को नोटिस भी जारी किए जा सकते हैं। जिसमें कंपनी से सरकार को बिना बताए कंपनियों को बंद करने के बारे में जवाबतलबी की जाएगी।
ट्रक ऑपरेटर सड़क पर उतरे
एक तरफ रोजी-रोटी के संकट से यहां काम करने वाले परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ ट्रक ऑपरेटरों का भी गुस्सा फूट पड़ा है। सोलन के दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों ने मीटिंग की। जिसके बाद सड़कों पर उतरकर रोष प्रदर्शन किया। ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि प्लांट बंद होने से उन्हें रोजाना डेढ़ करोड़ का नुकसान हो रहा है।
सीमेंट फैक्ट्री का ताला खुलवाने की मांग
वहीं बिलासपुर में भी बरमाणा सीमेंट प्लांट बंद किया गया है। अब यहां सबकी नजर अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर टिकी है। नड्डा आज शाम ही अपने घर बिलासपुर पहुंच रहे हैं। इस दौरान ट्रक ऑपरेटर व दूसरे लोग उनसे मुलाकात कर सीमेंट फैक्ट्री का ताला खुलवाने की मांग करेंगे।
आज प्लांट्स बंद होने का दूसरा दिन है और अभी प्लांट के खुलने के आसार नहीं दिख रहे। गुरुवार को सोलन DC की ओर से इस मामले को सुलझाने के लिए बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। इससे ट्रक ऑपरेटर और खफा हो गए। वहीं माहौल तनावपूर्ण देखते हुए प्रशासन की ओर से प्लांट परिसर में पुलिस कर्मी तैनात किए गए, लेकिन शुक्रवार को प्लांट परिसर में काफी सन्नाटा नजर आया।
माल भाड़े को लेकर चल रहा विवाद वजह
बता दें कि माल भाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच विवाद चल रहा है। बैठकों के बाद भी विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने बुधवार शाम से प्लांट बंद कर दिया। अंबुजा सीमेंट प्लांट को हाल ही में अडानी ग्रुप ने खरीदा है।
कंपनी ने सीमेंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑपरेटर्स सोसाइटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमेंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कंपनी 2005 में तय रेट पर चाहती है ढुलाई
कंपनी ने कहा कि यही स्थिति रही तो सीमेंट उत्पादन को ही बंद करना पड़ेगा। कंपनी का कहना है कि सरकार ने 18 अक्तूबर 2005 को मालभाड़ा 6 रुपए प्रति टन प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था। इसलिए सोसायटियों को इस रेट पर माल ढुलाई करनी होगी।
वहीं ट्रक सोसायटियों का कहना था कि वर्ष 2019 से माल भाड़ा बढ़ना देय है। सरकार ने जब माल भाड़े का रेट तय किया था कि तब कहा गया था कि डीजल के रेट बढ़ेंगे, उसी अनुपात में माल भाड़ा भी बढ़ेगा। बाघल लैंड लुजर्ज ट्रक आपरेटर सोसायटी के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि आज ट्रक ऑपरेटरों की बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि आगे क्या करना है।
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