शिमला के होटल व्यवसायी और आर्थिक बोझ सहने में असमर्थ

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the news warrior 

30 जनवरी 2023

शिमला : शिमला के होटल व्यवसायी और आर्थिक बोझ सहने में असमर्थ हो गए हैं । उनका कहना है कि शिमला के होटलों से राज्य में सबसे अधिक पानी का टैरिफ चार्ज किया जाता है।  शिमला जल प्रबंधन निगम ने पानी के टैरिफ में  10% की बढ़ोतरी होने से शिमला में  स्थित  लगभग 300 होटल के व्यावसायियों की  कमर तोड़  दी है। इस बढ़ोतरी से  बाद होटल का पानी का रेट कमर्शियल पानी के रेट से 67.5% अधिक महंगा हो गया है। हिमाचल के सभी शहरों मे होटल व्यवसायियों  से 27 रुपए प्रति किलो लीटर पानी का रेट चार्ज किया जाता है तथा कोई स्लैब सिस्टम भी नहीं लगता। जबकि  शिमला मे 10% बढ़ोतरी के बाद अब  पानी का रेट 96.64 रुपए से लेकर 177.14 रुपए प्रति किलो लीटर हो जाएगा।

 

पानी खपत पर लगाए जाते हैं तीन स्लैब

इतना ही नहीं शिमला के  होटल वालों से एक तरफ तो सबसे अधिक पानी का  टैरिफ वसूला जाता है । वहीं  होटलों पर पानी की खपत के हिसाब से तीन स्लैब भी लगाए जाते हैं । जिसमें  30 किलो लीटर पानी  की खपत तक 96.64 रूपए , 30 किलोलीटर से लेकर 75 किलो लीटर तक की खपत पर 128.87 रुपए और 75 किलो लीटर से उपर पानी की खपत पर 177.14 रुपए प्रति किलो लीटर रेट चार्ज किया जाता है । जो कि  पहली स्लैब से 33% से 66%अधिक होता है ।

 

शिमला ही राज्य का एक मात्र शहर है जहां पर होटल कंज्यूमर्स के लिए अलग से श्रेणी बनाकर सबसे अधिक पानी का रेट वसूला जाता है । भारी भरकम होटल वाटर टैरिफ से ऊपर पानी के बिल की कुल राशि पर 30% सिवेराजे सेस लगा कर होटल व्यवसायियों को आर्थिक बोझ तले दबाया जा रहा है। होटलों का आर्थिक बोझ यही खत्म नहीं होता बल्कि जो होटलों का स्टाफ होटल में  रहता है उनके द्वारा इस्तेमाल किया गए पानी का रेट भी एसजेपीएनएल द्वारा होटल टैरिफ के हिसाब से भारी  भरकम पानी का रेट चार्ज किया जाता है।

 

मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक से लगाएंगे मदद की  गुहार

एसोसिएशन के प्रेसीडेंट मोहिंद्र सेठ कहना है कि वर्तमान के  दिनों में  होटलों की ऑक्युपेंसी कम होती जा रही है। होटलों के खर्चे बढ़ते जा रहे है और उसके मुकाबले होटल सेल्स में  बहुत कमी आ रही है। उनका कहना है कि होटल व्यवसायी  टाइम पर टैक्स ,पानी के बिल इत्यादि का भुगतान समय पर करने में असमर्थ हैं । होटल वालों को किश्तों में भुगतान करने की नौबत आ चुकी है। इस परस्थिति में उनके लिए  होटल चला पाना असम्भव होता जा रहा है। यदि एसजेपीएनएल ने इस बढ़ोतरी  को वापिस नहीं  लिया  तो होटल व्यवसायी भारी भरकम बिलों  भुगतान करने में असमर्थ हो जाएंगे । उन्होंने कहा कि  एसोसिएशन स्थानीय विधायक  हरीश जनर्था  के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगी तथा मुख्यमंत्री  सुखविंदर सिंह सुक्खू  से भी इस मुद्दे को लेकर गुहार लगाएगी ।

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