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8 फरवरी 2023
बिलासपुर : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर में जल्द ही क्यूआर कोड स्कैन कर पंजीकरण की सुविधा मिलेगी। इसके बाद मरीजों को लाइनों में लगकर पर्ची बनाने के लिए खड़ा नहीं होना होगा । वहीं, अब एम्स में आने वाले मरीजों को अपने साथ आधार कार्ड लाना अनिवार्य कर दिया गया है।
फोन पर आभा एप कर लें डाउनलोड
अगले तीन माह में एम्स में इस प्रक्रिया को पूरी तरह से शुरू करने के लिए उपकरण स्थापित हो जाएंगे। एम्स प्रबंधन ने आग्रह किया है कि सभी लोग अपने फोन पर आभा एप डाउनलोड कर लें। एम्स में पंजीकरण के लिए आधार कार्ड को आवश्यक कर दिया गया है। आधार कार्ड होने से पंजीकरण करते समय नाम, पते को कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज करते समय होने वाली गलतियां नहीं होंगी। इससे पहले ऑफलाइन या ऑनलाइन पर्ची बनाने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं था ।
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आभा आईडी क्या है
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन 2023 प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य अभियान की शुरुआत 27 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी । इसका उद्देश्य नागरिकों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सुविधा देना है। इस मिशन के अंतर्गत आम लोगों को एक यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी, जिसके माध्यम से सभी लोगों का स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया गया है जो डिजिटल स्वास्थ्य ईको सिस्टम के अंतर्गत स्वास्थ्य से जुड़े अन्य पोर्टल के परस्पर संचालन को भी सक्षम बनाता है। लाभार्थियों को 14 अंकों की एक हेल्थ आईडी प्रदान की जाएगी। यह एक तरह से उनके हेल्थ अकाउंट की तरह ही काम करेगी, जिसे मोबाइल एप के जरिये भी देखा जा सकेगा हेल्थ आईडी को आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट ) के नाम से जाना जाएगा।
आभा एप के लाभ
डॉ. दिनेश वर्मा एमएस एम्स बिलासपुर ने बताया कि इस एप जरिए अब सभी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री और रिपोर्ट डिजिटल माध्यम से संग्रहित रहेंगी और उन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकेगा। लोगों को सालों पुरानी रिपोर्ट आदि संभाल कर रखने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही यदि किसी के रिपोर्ट, रसीद या इलाज संबंधी पेपर वर्क खो भी जाते हैं तो भी उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा ।
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इसके साथ ही सभी लोग अपने फोन में आभा एप जरूर डाउनलोड करें। इस एप के डाउनलोड करने के बाद एम्स में पंजीकरण करवाने में आसानी होगी। अगले दो से तीन महीनों में एम्स के पंजीकरण काउंटरों पर क्यूआर कोड लगा दिए जाएंगे। जिसे लोग स्कैन कर पंजीकरण करवा सकते हैं । उसके बाद उसका सारा रिकॉर्ड आ जाएगा। मरीज को पर्ची बनवाने के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।