नारकीय जीवन जीने को मजबूर नगर परिषद की लुखानी वस्ती के वाशिंदे

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27 /07 /2022

वस्ती में चार कमरे जर्जर अवस्था में, तथा आठ झुंगियों में 40 से 50 रहते है लोग 

घुमारवीं:- 

नगर परिषद घुमारवीं के कल्याणा वार्ड नंबर 4 की लुखानी वस्ती में झुंगियों में बसे प्रवासियों की गतिविधियों से स्थानीय निवासी नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर है । यहां रहने वाले अनेक स्थानीय परिवार अत्यंत दुखी है । उनकी दास्तां सुनने वाला कोई नहीं । पूरी वस्ती कूड़े के ढेर पर बसी है । वस्ती में चार कमरे जो जर्जर अवस्था में है तथा आठ झुंगियों में 40 से 50 लोग रहते हैं । इतने लोगो के लिए महज दो शौचालय है । लोग कौन हैं ? क्या इनके पास आधार कार्ड है ? इनका नाम पुलिस थाने में पंजीकृत है ? ऐसे अनेक सवाल लोगों के जहन में है । अजनबी युवक भी यहां आकर रुकते है और फिर कहीं चले जाते हैं । उनकी वाइकों के पंजाब के नंबर होते हैं ।

स्थानीय लोगों का जीना हुआ हराम

इससे स्थानीय लोग डरे डरे से रहते हैं । इन्होंने कुत्ते व सांप पाल रखे हैं । आठ दस मीटर के दायरे में करीब दस लकड़ी के चुल्हें जलते हैं । इन चूल्हों में कुछ ऐसी चीज भी जलाते हैं । इससे जहरीला धुंआ निकलता है । सवेरे व शाम को इस वस्ती के पर्यवरण में जहरीला धुंआ घुल जाता है । सारा धुंआ स्थानीय लोगों के कमरों में चला जाता है । इससे बुजुर्गों व बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है । इनमें से कुछ प्रवासी नगर व आसपास के क्षेत्रों में कूड़ा बीनते है । उसमें से छंटाई करके उपयोग में न आने वाले प्लास्टिक कचरे को जला देते हैं या सड़क के किनारे फैंक देते हैं । इससे “ग्रीन घुमारवीं, क्लीन घुमारवीं” का नारा मजाक सा लगता है । आए दिन ये प्रवासी आपस में खूब लड़ाई करते हैं तथा एक दूसरे को इतनी अश्लील गालियां देते हैं कि यहां रहने वाली महिलाओं शर्म के मारे वे काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं निकल पाती है । दिन रात ये लोग स्थानीय लोगों की शांति भंग करके रखते हैं । इनके कुत्ते दिन की चिल्लाते रहते हैं व पूरी पूरी रात भौंक कर लोगों की नींद हराम करते है ।

कोई करवाई अमल में नहीं लाई गई 

स्थानीय लोगों के बच्चे प्रतिष्टित शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं । उन पर भी विपरीत असर पड़ रहा है । इन प्रवासियों के बच्चे नंग धड़ंग सड़कों पर घूमते रहते हैं । जब यहां उक्त प्रवासियों की लड़ाई होती है तो राहगीर तमाशा देखने के लिए खड़े हो जाते हैं तथा नगर परिषद व उस व्यक्ति को कोसते हैं जिसने इन्हें झुंगियां बनाने को जगह दी है । इनके एक दर्जन से अधिक बच्चे हैं । जो सारा दिन शोर मचाते रहते हैं । झुंगियों के चारों ओर बनाई कच्ची नालियां अक्सर गंदे पानी से भरी रहती है । इससे यहां कोई भयंकर बिमारी फैलने का अंदेशा है । यह पर्यवरण प्रदूषण का सीधा मामला बनता है । उक्त जमीन मालिक को झुंगियों से 28 हजार से 30 हजार तक का मासिक किराया ले रहा है । और हाउस टैक्स के नाम पर नगर परिषद को ठेंगा दिखने के साथ ही स्थानीय लोगों को तंग कर रहा है । इस समस्या से की बार नगर परिषद की अध्यक्षा  रीता सहगल को बताया जबकि पार्षद अश्वनी रतवान को मौका दिखाया गया लेकिन अभी तक कोई करवाई अमल में नहीं लाई गई

 

 

 

 

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