डमी एडमिशन का गोरखधंधा जोरों पर, सरकार इस पर क्यों है मौन

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The news warrior

21 अप्रैल 2023

बिलासपुर : डमी एडमिशन का गोरखधंधा जोरों पर है । एक ओर जहां दूसरे बच्चों के हक को मारा जा रहा है वहीं कानून  व शिक्षा की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं । भारत सरकार की शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास पर ध्यान दिया गया है । वहीं धंधेबाज स्कूल, कोचिंग इंस्टिट्यूट व अधिकारी मिलकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं । बड़े-बड़े लोग बच्चों की डमी एडमिशन करवाकर अन्य गरीब व रेगुलर स्कूल में पढ़ाई करने वाले छात्रों के साथ अन्याय कर रहे हैं । 

 

साल भर बच्चा बाहर के इंस्टिट्यूट से करता है पढ़ाई

बता दें डमी एडमिशन एक गैरकानूनी शिक्षा पद्धति है । जिसमें बच्चों का दाखिला तो स्कूल में करवाया जाता है लेकिन बच्चा पढ़ाई किसी और इंस्टिट्यूट या कोचिंग सेंटर में करता है और अंत में रेगुलर स्टूडेंट्स के साथ परीक्षाएँ देता है । डमी एडमिशन अधिकतर बच्चों को दसवीं या 12वीं  मेरिट में लाने के लिए अभिभावकों द्वारा दिलाई जाती है। वहीं स्कूल  प्रबंधन अपने स्तर विद्यार्थी की पूरा साल फर्जी हाजिरी लगाते हैं ताकि बच्चा अंत में हाजिरी पूरी होने पर परीक्षा में बेठ सके ।

 

अभिभावकों से वसूली जाती है अच्छी खासी फीस

इस पूरे धंधे में  बच्चों के अभिभावकों, स्कूल और  कोचिंग सेंटरों की मिलीभगत होती है  जो बच्चों को साल भर परीक्षा की तैयारी करवाते हैं । स्कूल प्रबंधन बच्चे की साल भर की हाजिरी भरने के लिए बच्चों के अभिभावकों से अच्छी खासी रकम वसूल करते हैं । अभिभावक बच्चों की एडमिशन के लिए एक ओर स्कूल में फीस अदा करते हैं वहीं बच्चे की साल भर की हाजिरी भरने के लिए अलग से पैसे देते हैं और साथ ही कोचिंग सेंटर या ट्यूशन इंस्टिट्यूट को अलग से पैसे देते हैं ।

 

रेगुलर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ होता है अन्याय

अधिकतर निजी स्कूलों में मेरिट लाने वाले बच्चे ऐसे ही इंस्टिट्यूट में पढ़ते हैं । डमी एडमिशन के जरिए निजी स्कूलों को सीधा लाभ होता है क्योंकि ट्यूशन इंस्टिट्यूट में पढ़ाई करने वाले बच्चे मेरिट में जगह बनाते हैं जिन्हें स्कूल अपनी उपलब्धि बताकर अपने स्कूल में एडमिशन बढ़ाते हैं । इससे वह बच्चे तो अच्छे खासे नंबर लेकर मेरिट में जगह बना लेते हैं लेकिन वह स्कूल में होने वाली ऐक्टिविटी से वंचित रह जाते हैं जिनका खामियाजा उन्हें आगे चलकर भुगतना पड़ता है । इसके साथ ही यह बच्चे रेगुलर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं जो साल भर स्कूली पढ़ाई के साथ साथ अन्य प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं ।

 

इस गोरखधंधे पर लगानी चाहिए लगाम

हिमाचल में  भी ऐसे कई स्कूल और इंस्टिट्यूट हैं जो ऐसा गोरखधंधा चलाए हुए हैं । सरकार इस भ्रष्टाचार पर मौन है। लोगों की मांग है कि इस गोरखधंधे की ओर सरकार को ध्यान देकर बंद करवाना चाहिए इससे अन्य बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है ।

 

यह भी पढ़ें : रोहड़ू के ललित ठाकुर अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक कोच कोर्स के लिए चयनित

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