the news warrior
3 फरवरी 2023
शिमला : हिमाचल में आए दिन सरकारी संस्थानों से जुड़े कर्मचारी वर्ग राज्य सचिवालय पहुंच रहे हैं । शुक्रवार को वोकेशनल टीचर्स का एक प्रतिनिधि मण्डल राज्य सचिवालय पहुंचा। वोकेशनल टीचर्स राज्य सरकार से एक स्थाई नीति बनाने की मांग कर रहे हैं। वोकेशनल टीचर्स के इस प्रतिनिधिमंडल ने होटल पीटरऑफ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और सचिवालय में सीपीएस आशीष बुटेल से भी मिले और अपनी मांग को सरकार के कानों तक पहुंचाने की कोशिश की।
रेगुलर टीचर की तरह दिया जाए वेतन और सम्मान
वोकेशनल टीचर्स पिछले कई सालों से स्थाई नीति की मांग कर रहे हैं । वोकेशनल टीचर्स वैलफेयर संघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी का कहना है कि वोकेशनल टीचर्स पिछले 10 सालों से प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि निजी संस्थान उनका शोषण कर रहे हैं, ऐसे वह स्थाई नीति की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 से वोकेशनल टीचर्स ने प्रदेश में लगभग 1100 शैक्षणिक संस्थानों में सेवाएं दे रहे हैं । उन्हक कहना है कि वोकेशनल टीचर्स शिक्षण संस्थानों में सामान्य टीचर की तरह काम करते हैं। ऐसे में उनकी मांग है कि उनके लिए एक स्थाई नीति बनाई जाए और उन्हें भी रेगुलर टीचर की तरह वेतन और सम्मान दिया जाए।
वोकेशनल टीचर्स को आउट सोर्स मानने से भी किया जाता है इंकार
लगभग 9 साल से कार्यरत वोकेशनल टीचर सुचिता शर्मा का कहना है कि वोकेशनल टीचर्स को आउट सोर्स मानने से भी इंकार कर दिया जाता है, जबकि वोकेशनल टीचर्स अपने ही राज्य में सरकारी स्कूलों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। ऐसे में वोकैशनल टीचर की मांगे जरूर पूरी होनी चाहिए।
सिरमौर में 8 साल से ज्यादा वक्त से वोकेशनल टीचर के पद पर कार्यरत मोनिका ठाकुर कहा कि वोकेशनल टीचर पूरी लगन के साथ स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मगर 2013 के बाद से लगातार सिर्फ 15 हजार रुपए प्रति माह पर काम कर रहे हैं। ऐसे में बढ़ती महंगाई के दौर में आज परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है।इसलिए हमारी मांग है कि हमारे लिए स्थायी नीति लाई जाए ।