THE NEWS WARRIOR
03 /05 /2022
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने बदल ली करवट
चंबा में भारी बारिश के कारण सड़कों पर भरा पानी
चंबा में मंगलवार को भारी बारिश होने से किसानों व बागवानों के चेहरों पर लौटी खुशी
चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की,की जानी है बिजाई
चंबा:-
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। जिला चंबा में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया। चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर चनेड में काली माता मंदिर के पास नाले में भारी मात्रा में पानी आने से वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। सुबह करीब 10 बजे एकाएक भारी बारिश हुई और नाले में उफान आ गया। इस कारण एक साथ में लगती दुकान को अपनी चपेट में ले लिया। लेकिन गनीमत रही कि जानी नुकसान नहीं हुआ है। भारी मात्रा में मलबा भी एनएच पर आ गया, इस कारण एक घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। कसाकड़ा मोहल्ला में भी एक पेड़ गिरने से कई लोग बाल-बाल बच गए।
किसानों व बागवानों के चेहरों पर लौटी खुशी
चंबा में मंगलवार को भारी बारिश होने से किसानों च बागवानों के चेहरों पर खुशी लौट आई है। साथ ही गर्मी से भी लोगों को भारी राहत मिली है। वहीं साहो क्षेत्र के जडेरा में भारी ओलावृष्टि हुई है। लिहाजा चंबा जिला में लंबे समय के बाद हुई बारिश से किसानों व बागवानों ने राहत की सांस ली है।
मक्की की फसल की, की जानी है बिजाई
बता दें कि चंबा जिला के पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई की जानी है। उससे पहले जमीन में नमी का होना बेहद जरूरी होता है। जितनी अधिक बारिश होती है उतनी नमी जमीन में रहती है जो मक्की के बीजों को जल्द अंकुरित करने में सहायता करती है।
मक्की की बिजाई में हुई बीस दिन देरी
बता दें कि अप्रैल के दूसरेे सप्ताह में पहाड़ी इलाकों में मक्की की फसल की बिजाई का कार्य शुरू होती है। उससे पहले पहाड़ी इलाकों में किसान लोग अपनी जमीनों को तैयार करने में जुट जाते हैं और उसके लिए बारिश सबसे अधिक रोल अदा करता है, क्योंकि बिना बारिश के फसल को बीज पाना बेहद मुश्किल भरा होता है। पहाड़ी इलाकों में किसानों को प्राकृतिक रूप से निर्भर बारिश पर ही रहना पड़ता है, जितनी अधिक बारिश होती है उतनी ही खेती के लिए बेहतर मानी जाती है। इस बार बारिश ना होने से करीब बीस दिन में मक्की की बिजाई में देरी हुई है।
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