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23 मई 2023
शिमला : रस्किन बॉन्ड एक ब्रिटिश दंपति के जन्मे भारतीय मूल के प्रसिद्ध लेखक हैं । यह भारत में बच्चों के लिए कहानियाँ व उपन्यास लिखे जाने के लिए जाने जाते हैं । रस्किन बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था । वे अब्रे बॉन्ड और एरिथ क्लार्के के बेटे हैं। जब वह छोटे थे तब उनके माता-पिता अलग हो गए और उसकी माँ ने जल्द ही एक पंजाबी व्यक्ति से दोबारा शादी कर ली । रस्किन अपने पिता के बहुत करीब थे जिनकी किसी बीमारी के चलते मृत्यु हो गई । तब रस्किन महज 10 साल की उम्र के थे । रस्किन बॉन्ड ने कभी शादी नहीं की । वह मसूरी में अपने दत्तक परिवार के साथ रहते हैं ।
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16 साल की उम्र में लिख डाली लघु कहानी
रस्किन ने शिमला में बिशप कॉटन स्कूल में 1950 में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद लेखन की ओर रुख किया । इरविन दिव्यता पुरस्कार और हैली लिटरेचर पुरस्कार सहित स्कूल में कई लेखन प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की । उन्होंने 1951 में 16 साल की उम्र में अपनी पहली लघु कहानी ‘अछूत’ लिखी थी । इसके बाद जीवन में करियर की बेहतरीन संभावनाओं की तलाश में यू.के. लंदन चले गए । जहां उन्होंने अपने पहले उपन्यास, ऑन द रूम ऑन द रूफ’ पर काम करना शुरू किया । इसने जॉन लेवेलिन Rhys Prize (1957) जीता, जो एक ब्रिटिश राष्ट्रमंडल लेखक के तहत 30 वर्ष से कम उम्र वालों को दिया जाता हैं ।
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चार वर्षों तक किया पत्रिका संपादन
लंदन में एक बार जब उन्होंने अपने लेखन से पैसा कमाना शुरू कर दिया, तो वे भारत वापस आ गए और देहरादून में बस गए ।उन्होंने अपने कुछ साल स्वतंत्र लेखक के रूप में बिताए और अखबारों , पत्रिकाओं के लिए लघु कथाएँ व कविताएँ लिखना शुरू किया । 1963 में, वे मसूरी में रहने चले गए जहाँ उन्होंने अपने लेखन करियर को आगे बढ़ाया । उनके निबंध और लेख कई पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित होते थे । उन्होंने चार वर्षों तक एक पत्रिका का संपादन भी किया । 1980 में रस्किन बॉन्ड के सबसे लोकप्रिय उपन्यासों में से एक ‘द ब्लू अम्ब्रेला’ प्रकाशित हुआ था । एक लेखक के रूप में उनकी बढ़ती प्रसिद्धी ने पेंगुइन बुक्स का ध्यान उनकी ओर खींचा । प्रकाशकों ने 1980 के दशक में बॉन्ड से कुछ किताबें लिखने के लिए कहा ।
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रस्किन बॉन्ड द्वारा लिखी किताबें
- ‘हमारे पेड़ ग्रो इन देहरा’
- ‘द नाइट ट्रेन एट देवली
- ‘टाइम स्टॉप्स इन शामली’
- ‘एक चेहरा अंधेरे में और अन्य अड्डा’
- ‘एक मौसम का भूत’
- ‘राज से भूत की कहानियां’
- द बेस्ट ऑफ रस्किन बॉन्ड’
उनके द्वारा लिखी हई कुछ कहानियों को टेलीविजन और फिल्मों में जगह मिलने लगी । बॉलीवुड निर्देशक विशाल भारद्वाज ने 2007 में बच्चों के लिए उनके उपन्यास, द ब्लू अम्ब्रेला पर आधारित एक फिल्म बनाई । इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता । हिंदी फिल्म “7 खून माफ” , बॉन्ड की लघु कहानी सुसन्ना के सात पतियों पर आधारित है ।
इन उपलब्धियों से हो चुके हैं सम्मानित
रस्किन बॉन्ड को 1992 में (Our Trees Still Grow In Dehra) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया । उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2014 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है ।