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15 जनवरी 2022
खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए हिमाचल सरकार ने नई खेल नीति की घोसणा की है जिसके अनुसार अब प्रदेश के खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने और पदक हासिल करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसी के साथ प्रदेश के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए सरकार ने अब पेंशन, मासिक वेतन एवं बीमा कवर इत्यादि के प्रावधान की भी घोसणा कर दी है।
नई खेल नीति के अंतर्गत मिलेगी ये धनराशि
नई नीति के अंतर्गत ओलंपिक, शीत ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा सिल्वर मेडल जीतने वाले को दो करोड़, कांस्य मेडल वाले को एक करोड़ और गेम्स में भाग लेने वाले खिलाड़ी को 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
नई नीति के अनुसार ओलंपिक गेम्स में क्वालीफाई करने पर भी हिमाचल के खिलाडियों को 10 लाख और प्रतिभाग करने पर दो लाख दिया जाएगा। साथ ही किसी ओलंपिक इवेंट में नया विश्व रिकॉर्ड बनाने पर एक करोड़, एशियन या कॉमनवेल्थ गेम में रिकॉर्ड बनाने पर 50 लाख और नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
दूसरी ओर नॉन-ओलंपिक सीनियर नेशनल खेल व विशेष ओलंपिक में गोल्ड पर तीन लाख, सिल्वर पर डेढ़ लाख और कांस्य पर एक लाख रुपये जबकि नॉन ओलंपिक जूनियर नेशनल में गोल्ड पर 50 हजार, सिल्वर पर 30 हजार और कांस्य पर 20 हजार, विशेष ओलंपिक वर्ल्ड गेम्स में गोल्ड जीतने पर 15 लाख, सिल्वर पर 10 और कांस्य पर पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
इसके इलावा युथ ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी अंतर्राष्ट्रीय और सीनियर नेशनल चैंपियनशिप व नेशनल स्कूल गेम्स जैसी राष्ट्रीय-स्तरीय खेलों में पदक हासिल करने वालों को भी प्रोत्साहित राशि प्रदान की जाएगी। राज्य के खिलाड़ियों को एशियन व पैरा एशियन गेम्स; कॉमनवेल्थ व पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स और चार साल में होने वाले ओलंपिक के विश्व कप, विश्व चैंपियनशिप या पैरा वर्ल्ड गेम में गोल्ड मेडल जीतने पर 50 लाख, सिल्वर पर 30 लाख और कांस्य पदक हासिल करने पर 20 लाख रुपये का ईनाम दिया जायेगा।
विश्व विश्वविद्यालय गेम्स व यूथ ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने पर 10 लाख, सिल्वर पर छह लाख और कांस्य पर चार लाख, यूथ एशियन गेम्स व एशियन या कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप, यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स व सीनियर नेशनल चैंपियनशिप अथवा पैरा नेशनल खेल में गोल्ड पर पांच लाख, सिल्वर पर तीन लाख और कांस्य पर दो लाख का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
वहीं एसएएफ गेम्स में गोल्ड मेडल हासिल करने पर छह, सिल्वर मेडल पर चार व कांस्य पदक जीतने पर तीन लाख रूपए दिए जायेंगे। इसके इलावा नेशनल स्कूल गेम्स या खेलो इंडिया, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी या खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट, नेशनल वुमेन स्पोर्ट्स फेस्टिवल और ऑल इंडिया रूरल स्पोर्ट्स टूनार्मेंट में गोल्ड जीतने पर एक लाख, सिल्वर जीतने पर 60 हजार व कांस्य पर 40 हजार की की धनराशि दी जाएगी ।
खिलाड़ियों को भी मिलेगी पेंशन व वेतन की सुविधाएं
प्रोत्साहन राशि के इलावा नई खेल नीति के अंतर्गत ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ के पदक विजेताओं को अब पेंशन की सुविधा देगी जबकि अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न प्राप्त खिलाड़ियों को मासिक वेतन दिया जायेगा। वहीं, परशुराम या गुरु वशिष्ठ अवार्ड मिलने पर भी अब पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी के साथ प्रदेश सरकार ने अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल गठन करने का भी निर्णय लिया।
राज्य सरकार को स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने का भी प्रस्ताव मिला है जिसके लिए गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे और स्कूलों में फिजिकल एजूकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। आने वाले दिनों में नई खेल नीति के अनुसार एथलीटों को स्कूल – कॉलेजों की हाजिरी में विशेष छूट दी जाएगी। ख़ास तौर पर दिव्यांग खिलाडि़यों के लिए साहसिक खेल भी शामिल किए जाएंगे और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर भी दिया जायेगा।
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