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7 फरवरी 2023
कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में करीब 4 सालों से कमर्शियल वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है। ऐसे में अब टैक्सी चालक जीपीएस सिस्टम को हटाने की मांग सरकार से कर रहे हैं। टैक्सी चालकों का कहना है कि प्रदेश सरकार अगर मार्च माह तक उनकी टैक्सी में लगे जीपीएस सिस्टम को नहीं हटाती है । तो वह मार्च माह में सालाना टैक्स भी नहीं भरेंगे और उनके इस निर्णय के साथ प्रदेश के 90 हजार टैक्सी ऑपरेटर शामिल है।
अधिक कमर्शियल वाहन वालों पर ही लागू हो यह नियम
टैक्सी ऑपरेटर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग कर रहे हैं कि जीपीएस सिस्टम को हटाकर उन्हें राहत प्रदान की जाए। ऑपरेटरों का कहना है कि बाहरी राज्यों में जीपीएस सिस्टम जहां 7 से 8 हजार रुपए में लग रहा है और वहीं यहां पर 15 हजार रुपये तक यह सिस्टम उपलब्ध करवाया गया होई । इसक साथ ही इसका सालाना रिचार्ज भी 4500 रुपए में होता है। उनका कहना है कि जब वे खुद ही टैक्सी के चालक है तो उन्हें अपनी गाड़ी पर नजर रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार को चाहिए कि जिन व्यक्तियों के पास काफी अधिक कमर्शियल वाहन है उन्हें ही सिर्फ यह नियम लागू किया जाए।
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मंदी के दौर में जीपीएस को रिचार्ज करवाना मुश्किल
टैक्सी ऑपरेटर प्रेम सिंह का कहना हैं कि जीपीएस सिस्टम लगाने वाली कई कंपनियां प्रदेश से भाग चुकी हैं। हिमाचल में केवल एक कंपनी ही यह सिस्टम लगा रही और वो भी अपने मनमाने दाम वसूल कर रही है । उनका कहना है कि मंदी के दौर में जीपीएस को रिचार्ज करवाना भी टैक्सी ऑपरेटरों के लिए मुश्किल है।
कुल्लू टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर वे मनाली में मुख्यमंत्री से भी मिले हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री जल्द इस जीपीएस सिस्टम को ट्रैक्सियों से हटा देंगे। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मार्च माह तक उनकी मांगे नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश के 90 हजार टैक्सी ऑपरेटर अपना सालाना टैक्स जमा नहीं करवाएंगे।