The news warrior
15 सितंबर 2023
शिमला : किसी भी देश के निर्माण में इंजीनियर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंजीनियर्स के योगदान के द्वारा ही देश निरंतर आगे बढ़ने के साथ ही तरक्की करता है। इन्हीं इंजीनियर्स यानी राष्ट्र निर्माताओं के योगदान को याद रखने, उनको सराहने और उनको सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 15 सितंबर को नेशनल इंजीनियर्स दिवस (राष्ट्रीय अभियंता दिवस) मनाया जाता है । वहीं इसको लेकर हर वर्ष नई थीम रखी जाती है ।
इंजीनियर्स दिवस की इस वर्ष की थीम
इस वर्ष का इंजीनियर्स दिवस Engineering for a Sustainable Future थीम के साथ मनाया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है इंजीनियर दिवस
महान इंजीनियर एवं भारत रत्न एवं ब्रिटिश नाइटहुड पुरस्कार से सम्मानित एम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य पर और विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए योगदान को बताने के लिए यह दिन मनाया जाता है । 1861 में जन्मे विश्वेश्वरैया ने शुरुआत में मैसूर विश्वविद्यालय से कला स्नातक (बीए) की डिग्री हासिल की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक पुणे के प्रतिष्ठित कॉलेज ऑफ साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी। बॉम्बे सरकार के लिए लोक निर्माण विभाग में अपने करियर की शुरुआत करते हुए, विश्वेश्वरैया ने जटिल परियोजनाएं शुरू कीं, जिसमें पुणे के पास खडकवासला जलाशय में पानी के फ्लडगेट की विशेषता वाली एक पेटेंट सिंचाई प्रणाली का विकास और मैसूर में कृष्णा राजा सागर बांध का निर्माण शामिल था।
भारत रत्न से भी हुए सम्मानित
विश्वेश्वरैया को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न सहित कई सम्मान मिले। उनका महत्वपूर्ण योगदान 1917 में बैंगलोर में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए भी बढ़ा, जिसे बाद में उनके सम्मान में नाम दिया गया।
पहली बार कब मनाया गया अभियंता दिवस
सिविल इंजीनियरिंग में उनकी असाधारण उपलब्धियों की मान्यता में, 1968 में, भारत सरकार ने उनकी जयंती, 15 सितंबर को राष्ट्रीय अभियंता दिवस के रूप में नामित किया, जो समाज में इंजीनियरों के योगदान को याद करने और मनाने के लिए समर्पित दिन है।
अभियंता दिवस का महत्व
राष्ट्रीय अभियंता दिवस का अवसर देश में इंजीनियरों की तरफ से किए गए प्रयासों को स्वीकार करने के रूप में भी मनाया जाता है। इंजीनियरों को कठिन पढ़ाई से लेकर नौकरी के दौरान कई परेशानियों को झेलना पड़ता है। बिना इंजीनियर्स के किसी भी देश का ढांचागत विकास असंभव है। क्योंकि इंजीनियर्स के अथक प्रयासों और महान दिमाग से ही हम नई तकनिकी का प्रयोग करने में सक्षम हैं।