The news warrior
17 अप्रैल 2023
कुल्लू : हिमाचल प्रदेश के खराहल घाटी के बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनने जा रहा है जिसके लिए निर्माण प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। वहीं इसके लिए 8 कंपनियों ने निविदाएं भी भरी गई हैं, लेकिन इससे पहले यह रोपवे विवादों में घिरना शुरू हो गया है। खराहल घाटी के लोगों की मांगों को देखते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने डीसी कुल्लू के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा गया है। इसमें उन्होंने मांग की है कि बिजली महादेव रोपवे के निर्णय को रद्द किया जाए और इसकी जगह खराहल घाटी की सड़कों को चौड़ा किया जाए।
यह भी पढ़ें : लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर, घर बैठे ऐसे होगा काम
गरीब परिवारों की रोजी-रोटी होगी प्रभावित
महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया कि इस रोपवे बनने से खराहल घाटी को कोई फायदा नहीं होगा । इसकेड बनने से रामशिला से लेकर बिजली महादेव तक जो भी गेस्ट हाउस बने हैं, वह खाली रह जाएंगे और लोगों का कारोबार प्रभावित होगा क्योंकि इस रोपवे के माध्यम से पर्यटक व अन्य श्रद्धालु महादेव मंदिर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्माण कार्य के लिए 200 करोड़ से अधिक का खर्च होगा इससे सिर्फ बड़े-बड़े लोगों व व्यापारियों का ही फायदा होगा जबकि गरीब परिवारों की रोजी-रोटी पूरी तरह से प्रभावित हो जाएगी ।
यह भी पढ़ें : किन्नौर के अमित नेगी ने फतह की विश्व की दसवीं सबसे ऊंची अन्नपूर्णा चोटी
खराहल घाटी की सड़कों को किया जाए चौड़ा
जितेंद्र राजपूत ने बताया कि यहां पर लोगों ने स्वरोजगार के लिए बैंक से कर्ज लेकर टैक्सी सहित कई छोटे छोटे होटल व दुकानें खोली हैं , रोपवे बनने से टैक्सी चलना बंद हो जाएगी तथा कई लोग बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ जाएगा । ऐसे में उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया गया है कि इस निर्माण कार्य को रद्द किया जाए और खराहल घाटी की सड़कों को चौड़ा किया जाए, ताकि सड़कों के माध्यम से पर्यटक बिजली महादेव पहुंच सके और पूरी खराहल घाटी में लोगों को का रोजगार भी चल सके । वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व सरकार से मांग रखी कि 4 मई तक इस पर फैसला लिया जाए, अन्यथा खराहल घाटी के लोग आंदोलन करेंगे ।