खाद्य तेलों की कुछ श्रेणियों की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत तक की गिरावट

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खाद्य तेलों की कुछ श्रेणियों की कीमतों में लगभग 20 प्रतिशत तक की गिरावट

*सरकार स्थायी समाधान के लिए इस मुद्दे को हल करने में मध्य एवं दीर्घकालिक उपायों की एक श्रृंखला पर काम कर रही है
*खाद्य तेल की कीमतें कई जटिल कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें वैश्विक बाजार में इनकी कीमतें और घरेलू उत्पादन भी शामिल
*घरेलू खपत और उत्पादन के बीच का अंतर अधिक है, इसलिए भारत को खाद्य तेल की अपनी आवश्यकता के बड़े हिस्से का आयात करना पड़ता है

THE NEWS WARRIOR

16 JUN 2021 

भारत में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला, तेल की एक विस्तृत श्रृंखला में दिखाई पड़ रहा है। उपभोक्ता कार्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक महीने से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आ रही है। कुछ मामलों में गिरावट लगभग 20 प्रतिशत तक है, जैसा कि मुंबई में कुछ खाद्य तेलों की कीमतों में दिख रहा है।

पाम ऑयल की कीमत 7 मई 2021 को 142 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 19 फीसदी घटने के साथ 115 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

सनफ्लावर ऑयल की कीमत 5 मई 2021 को 188 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 157 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ चुकी है।

सोया तेल की कीमत 20 मई 2021 को 162 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब मुंबई में 15 फीसदी की गिरावट के साथ 138 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

सरसों के तेल के मामले में, 16 मई 2021 को कीमत 175 रुपये प्रति किलोग्राम थी, अब यह लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 157 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

जबकि 14 मई 2021 को मूंगफली के तेल की कीमत 190 रुपये प्रति किलोग्राम थी, अब यह 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 174 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है।

2 मई 2021 को वनस्पति की कीमत 154 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 141 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है।

यह ध्यान देने वाली बात है कि खाद्य तेल की कीमतें कई जटिल कारकों पर निर्भर करती हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कीमतें और घरेलू उत्पादन भी शामिल हैं। चूंकि घरेलू खपत तथा उत्पादन के बीच का अंतर अधिक है, इसलिए भारत को बड़ी मात्रा में खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है। सरकार इस मुद्दे को स्थायी आधार पर हल करने के लिए मध्य एवं दीर्घकालिक उपायों की एक श्रृंखला पर काम कर रही है।

ये उपाय भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देंगे, जो भारत में भोजन पकाने में प्रमुख घटक है।

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